शिमला में गहराया जल संकट, पानी लेने की होड़ में एक महिला की मौत
सैकड़ों निवासियों ने राज्य सचिवालय की ओर जाने वाली सड़कों पर जाम लगा दिया और शिमला नगर पालिका व सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
नई दिल्ली:
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शनिवार को पानी की किल्लत को लेकर प्रदर्शन जारी रहे।
राजधानी के घनी आबादी वाले कसुम्पटी इलाके में लगातार 14वें दिन पानी की भारी कमी जारी है।
पुलिस का कहना है कि हालांकि शहर में किसी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं है।
सैकड़ों निवासियों ने राज्य सचिवालय की ओर जाने वाली सड़कों पर जाम लगा दिया और शिमला नगर पालिका व सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
गृहिणी संजना जिंदल ने बताया, 'उच्च न्यायालय द्वारा शहर में चक्रिय आधार पर पानी की आपूर्ति करने के निर्देश के बावजूद इस इलाके में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।'
उन्होंने कहा, 'पाइपलाइन का पानी पिछले आठ दिनों से नहीं आ रहा है। सरकारी टैंकर से पांच लोगों के परिवार के लिए तीन दिन पहले मुझे तीन बाल्टी पानी मिला था।'
स्थानी लोगों ने शुक्रवार रात को घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर प्रदर्शन किया।
कॉलेज जाने वाली नंदिता चौहान ने कहा, 'हम खाने और पीने के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं। कपड़े और बर्तन धोने तक के लिए पानी नहीं है। मैं पिछले लगभग एक सप्ताह से नहीं नहाई हूं।'
उन्होंने कहा, 'हमारे शौचालय से बदबू आ रही है क्योंकि हम फ्लश करने से बच रहे हैं। शिमला में शुक्रवार शाम हुई बारिश में हमने छत पर जमा पानी से दो बाल्टी पानी इकट्ठा किया।'
सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि नगर निगम को शुक्रवार को 2.45 करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन मिला है और यह समयसारिणी के हिसाब से वितरित हुआ। इसमें कहा गया कि 1.70 लाख लीटर पानी टैंकरों के माध्यम से विभिन्न इलाकों में पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को नई दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री कार्यालय को इस स्थिति से अवगत कराया और शिमला में पानी की स्थिति सामान्य करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
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