logo-image

चुनाव से पहले मुश्किल में हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह, बेटे की संपत्ति जब्त

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी है।

Updated on: 13 Oct 2017, 07:57 PM

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम के बेटे विक्रमादित्य सिंह की दो कंपनी की 5.6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद सिंह परिवार की कुल 40 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।

ईडी ने सितंबर 2015 में 83 वर्षीय वीरभद्र सिह, उनके बेटे व दूसरों पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक आपराधिक शिकायत के संज्ञान में आने पर इस मामले को दर्ज किया।

सीबीआई ने 31 मार्च को आरोपपत्र दाखिल किया था, जब उच्च न्यायालय ने वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी पर बेहिसाब संपत्ति मामले में एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था।

वीरभद्र सिंह ने दावा किया था कि प्राथमिकी दर्ज करना बदले की राजनीति का नतीजा है।

ईडी वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 2009 व 2011 के बीच उनकी आय के ज्ञात स्रोतों की तुलना में 6.1 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति जुटाने के आरोपों की जांच कर रहा है। इस दौरान वीरभद्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री थे।

और पढ़ें: हिमाचल में बजा चुनावी बिगुल, 9 नवंबर को वोटिंग 18 दिसंबर को गिनती

ईडी ने जुलाई 2016 में आनंद चौहान नाम के एक एलआईसी एजेंट को भी पीएमएल के तहत गिरफ्तार किया क्योंकि वह कथित तौर पर जांच कर रहे अधिकारियों से सहयोग नहीं कर रहा था।

ईडी ने आरोप लगाया है कि वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए चौहान के माध्यम से अपने व अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी खरीदने में भारी रकम निवेश की है।

और पढ़ें: SC ने कहा, मानवता बड़ा मुद्दा, अगली सुनवाई तक देश में ही रहेंगे रोहिंग्या