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3 दिसंबर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा हो सकती है रद्द

3 दिसंबर को होने वाली बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की होने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा को रद्द किया जा सकता है।

Updated on: 26 Nov 2017, 04:36 PM

highlights

  • 3 दिसंबर को होनेवाली बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा हो सकती है रद्द
  • मुंबई के दो वकीलों ने दी याचिका, परीक्षा रद्द करने की मांग

नई दिल्ली:

3 दिसंबर को होने वाली बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की होने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा को रद्द किया जा सकता है।

इसके लिए मुंबई के दो वकीलों मुकेश जी. गुप्ता और पूजा एस. पांडे ने याचिका दायर कर परीक्षा के लिए अपने दस्तावेज अपलोड करने के लिए दिए गए शॉर्ट नोटिस के कारण परीक्षा को रद्द या स्थगित करने की मांग की है।

एआईबीई के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया एक सितंबर को शुरू हुई थी और यह 31 अक्टूबर को समाप्त हो गई थी। इसके बाद सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया 13 नवंबर को समाप्त हो गई थी।

उम्मीदवारों को 18 नवंबर तक एआईबीई के लिए अपने एडमिट कार्ड जारी करने थे और इसकी अवधि दो दिनों के लिए बढ़ा दी गई थी।

बीसीआई ने 20 नवंबर को कहा था कि नांदेड़ (महाराष्ट्र), दिल्ली, गुरुग्राम, जोधपुर और सावंतवाड़ी (गोवा) इन पांच शहरों को छोड़कर सभी शहरों के लिए एडमिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं, लेकिन इन पांच शहरों के एडमिट कार्ड 22 नवंबर शाम पांच बजे तक जारी किए जाएंगे। लेकिन ये वास्तव में 22 नवंबर की देर रात जारी किए।

इस दौरान, बीसीआई ने अचानक ही 18 नवंबर को उम्मीदवारों को अंतिम मौका देते हुए ऑनलाइन पंजीकरण के लिए दस्तावेज अपलोड करने और ऑफलाइन पंजीकरण के लिए सही दस्तावेजों को भेजने के लिए एक अधिसूचना जारी कर दी। बीसीआई ने साथ ही इसका अनुपालन करने में नाकाम रहे उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी। ऐसा करने की अवधि 19 नवंबर दोपहर 12 बजे तक रखी गई थी।

गुप्ता और पांडे ने कहा कि 2,500 उम्मीदवारों में से ज्यादातर को शाम को काफी देर से ईमेल मिले और ग्रामीण इलाकों में रह रहे उम्मीदवार बिजली कटौती और इंटरनेट संबंधी समस्याओं की वजह से ईमेल नहीं देख पाए और बीसीआई ने इन सभी उम्मीदवारों को एआईबीई की परीक्षा में बैठने से रोक दिया है।

ये उम्मीदवार 3,560 रुपये की परीक्षा फीस का भुगतान करने के बावजूद बीसीआई की ओर से की गई देरी की वजह से एआईबीई की परीक्षा में बैठने का अवसर खो सकते हैं।

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याचिकाकर्ता गुप्ता और पांडे की याचिका के मुताबिक, बंबई उच्च न्यायालय से 18 नवंबर को जारी की गई बीसीआई की अधिसूचना को रद्द करने, सभी उम्मीदवारों के लिए अपने दस्तावेजों को जमा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने, तीन दिसंबर को होने वाली परीक्षाओं को रद्द या स्थगित करने या फिर परीक्षा देने से रोक दिए गए ऐसे सभी उम्मीदवारों से इकट्ठा की गई परीक्षा फीस को रिफंड करने या अगले साल की परीक्षा के लिए इसे अग्रिम भुगतान समझने का आग्रह किया गया है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।

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