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ADHD: हर में से एक आदमी को होती है ये बीमारी, कहीं आप में भी ये लक्षण तो नहीं

Attention Deficit Hyperactivity Disorder: ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अस्थिरता, बातचीत में भटकना और अव्यवस्था शामिल हो सकती है. यह विकार व्यक्ति के दैनिक जीवन और उनके रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है.

Updated on: 12 Mar 2024, 11:15 AM

नई दिल्ली :

Attention Deficit Hyperactivity Disorder: ध्यान विक्षेपकता हाइपरएक्टिविटी विकार (Attention deficit hyperactivity disorder) एक मनोविज्ञानिक विकार है जो बच्चों और वयस्कों में पाया जाता है. इस विकार में व्यक्ति का ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होती है, जिससे वे संवेदनशील, समय और काम को प्रभावी तरीके से संचालित नहीं कर पाते हैं. इसके साथ ही, व्यक्ति की अतिरिक्त गतिविधिता भी होती है, जिससे उन्हें चुप और स्थिर बैठे रहने में कठिनाई होती है. इस विकार के संकेतों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अस्थिरता, बात के बीच में इधर-उधर भटकना, और अनियमितता शामिल हो सकती है. यह विकार व्यक्ति के दैनिक जीवन और उनके संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है. इस विकार के निदान के लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है, और विभिन्न चिकित्सा तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि चिकित्सा, परिवार चिकित्सा, और शिक्षा से संबंधित समर्थन. 

लक्षण:

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई:

बच्चे: निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, अपना काम भूल जाते हैं, और आसानी से विचलित हो जाते हैं. कक्षा में ध्यान नहीं देते हैं, अपना काम अधूरा छोड़ देते हैं, और परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं. खेल या अन्य गतिविधियों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है.

वयस्कों: काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, समय का प्रबंधन करने में परेशानी, और विवरणों पर ध्यान न देना. कामों को टालना, भूल जाना, और ज़रूरत से ज़्यादा समय बर्बाद करना. पढ़ते समय ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, जानकारी को याद रखने में परेशानी, और विचारों को व्यवस्थित करने में असमर्थता.

अतिसक्रियता:

बच्चे: बेचैन होते हैं, ज़्यादा बात करते हैं, और कक्षा में या बैठकों में शांत नहीं बैठ पाते हैं. लगातार इधर-उधर दौड़ते-भागते रहते हैं, ज़्यादा ऊर्जावान होते हैं, और खेलकूद में ज़्यादा रुचि नहीं लेते हैं. खाने-पीने, कपड़े पहनने, और सोने में परेशानी.

वयस्कों: बेचैनी महसूस करते हैं, ज़्यादा गतिविधि करते हैं, और एकाग्रता बनाए रखने में कठिनाई होती है. बैठकों में बेचैन होते हैं, अपनी टांगें हिलाते रहते हैं, और ज़्यादा बोलते हैं. एक जगह बैठकर काम करने में कठिनाई, ज़्यादा घूमना-फिरना, और ज़्यादा ऊर्जावान महसूस करना.

आवेग: 

बच्चे: बिना सोचे समझे कार्य करते हैं, बाधा डालते हैं, और अपनी बारी का इंतजार नहीं करते हैं. झगड़ालू होते हैं, दूसरों को चिढ़ाते हैं, और नियमों का पालन नहीं करते हैं. खतरों का आकलन करने में कठिनाई, दुर्घटनाओं का शिकार होना, और जल्दबाजी में निर्णय लेना.

वयस्कों: आवेगपूर्ण निर्णय लेते हैं, जल्दबाजी में काम करते हैं, और भावनाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है. खरीदारी करते समय ज़्यादा खर्च करना, ज़्यादा खाना, और ज़्यादा जोखिम लेना. गुस्सा, चिड़चिड़ापन, और भावनाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई. 

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई:

बच्चा: 10 साल का बच्चा अपना होमवर्क करने बैठता है, लेकिन 5 मिनट बाद खिलौनों से खेलने लगता है. 12 साल की लड़की कक्षा में ध्यान नहीं देती है और अपनी सहेली से बातें करती रहती है. 15 साल का लड़का परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है क्योंकि वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है.

वयस्क: 30 साल की महिला काम पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ है और लगातार सोशल मीडिया चेक करती रहती है. 40 साल का पुरुष कामों को टालता है और ज़रूरत से ज़्यादा समय बर्बाद करता है. 50 साल का व्यक्ति पढ़ते समय ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है और जानकारी को याद रखने में परेशानी होती है.

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