इन बीमारियों को माना जाता है लाइलाज, मेडिकल साइंस को भी नहीं मिली अभी तक पूरी कामयाबी
Incurable Diseases: आज हम आपको ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें असाध्य या लाइलाज माना जाता है. इनमें कैंसर और एचआईवी के अलावा भी कई बीमारियां हैं
नई दिल्ली:
Incurable Diseases: हर किसी को कभी न कभी किसी न किसी बीमारी का सामना जरूर करना पड़ता है. लेकिन डॉक्टर से दवा लेने के बाद इन बीमारियों से चंद दिनों में आराम भी मिल जाता है. लेकिन आज भी ऐसी कई बीमारियां हैं जिनका इलाज मेडिकल साइंस में भी नहीं मिला है. हालांकि इन बीमारियां पर मेडिकल साइंस ने कुछ हद तक काबू पा लिया है लेकिन पूरी तरह से इन बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मेडिकल साइंस भी नाकाम रही है. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें असाध्य या लाइलाज माना जाता है. इनमें कैंसर और एचआईवी के अलावा भी कई बीमारियां हैं जिनसे पूरी तरह से निजात नहीं पाई जा सकती.
कैंसर (Cancer)
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो असंयत विकासशील कोशिकाओं के ग्रोथ और प्रकोप के कारण होती है यह एक विशेष प्रकार की कोशिकाओं का अनियंत्रित बढ़ता हुआ गठन होता है जो शरीर के अन्य स्थायी कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकता है. कैंसर अनेक कारणों के कारण हो सकता है, जैसे की जीवाणु, वायरस या अव्यवस्थित आहार, जीवनशैली, और आयु.
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क्या है कैंसर का उपचार
कैंसर के उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, और इम्यूनोथेरेपी जैसे विभिन्न प्रकार के उपाय शामिल होते हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में अन्य प्रगतियों जैसे की जेनेटिक टेस्टिंग और नवीनतम दवाओं का विकास भी हो रहा है. लेकिन कुछ जानलेवा कैंसर के प्रकार अभी भी लाइलाज नहीं हैं. इसलिए, समय पर चिकित्सा सहायता, पूर्ण आहार और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना कैंसर जैसी बीमारी से बचा जा सकता है.
एड्स (AIDS)
एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) के कारण होती है. यह वायरस व्यक्ति के शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट करता है, जिससे उनकी शारीरिक सक्रियता को कमजोर होने की समस्या होती है और वे अन्य संक्रामक बीमारियों के लिए अत्यधिक संवेदनशील हो जाते हैं.
क्या है एड्स के लक्षण
एड्स के प्राथमिक लक्षणों में बुखार, दस्त, वजन कमी, त्वचा के प्रश्न, तथा श्वेत पदार्थों और गले में सूजन शामिल हो सकते हैं. एड्स एक गंभीर रोग है जिसका कोई ठीक का इलाज नहीं है. हालांकि, एचआईवी इंफेक्शन का प्रबंधन किया जा सकता है और लोग लंबे समय तक जीवन जी सकते हैं. एचआईवी इंफेक्शन को नियंत्रित करने के लिए एंटीरेट्रोवायरल दवाओं का उपयोग किया जाता है, जिन्हें आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ चिकित्सा द्वारा भी संभव हो सकता है.
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अल्जाइमर रोग (Alzheimer's Disease)
अल्जाइमर रोग एक प्रकार की मानसिक बीमारी है जो दीमकी संक्रमण और श्वसनीय प्रणाली के अवरोध से होती है. यह रोग आधिकारिक रूप से जीवन की ताजगी और ज्ञान को प्रभावित करता है. अल्जाइमर रोग के प्रारंभिक लक्षण भुलाई, भूलकर नजराना, समय की भूल, और अक्षरगर्भित करने में कठिनाई शामिल होती है. इसके साथ ही, व्यक्ति को लोगों, स्थानों, और चीजों को पहचानने में भी समस्या हो सकती है.
अल्जाइमर रोग का अभी तक कोई ठीक का इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है ताकि व्यक्ति की जीवनशैली और स्वास्थ्य में सुधार हो सके. इसमें दवाओं का उपयोग, संज्ञाना वाधान, ज्ञान बढ़ाने की व्यायाम, संजीवनी कार्यक्रम, और और सामाजिक समर्थन शामिल होते हैं. इसके अलावा, अल्जाइमर रोग के लिए व्यक्ति के परिवार और देखभालकों को समर्थन, जागरूकता, और विशेषज्ञ सलाह की आवश्यकता होती है. यह रोग वृद्धावस्था में अधिक होता है, लेकिन कुछ बार युवा उम्र में भी देखा जा सकता है.
मधुमेह (Diabetes)
मधुमेह को अंग्रेजी में डायबिटीज कहा जाता है. जो शरीर में उच्च रक्त शर्करा (Blood Sugar) की स्थिति है जो शरीर की इंसुलिन उत्पादन, उपयोग, या दोनों में कोई समस्या होने के कारण होती है. इसके लक्षणों में शामिल हैं बार-बार मूत्र का आवागमन, प्यास की अत्यधिकता, भूखमरी, थकावट, और वजन कमी. मधुमेह के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं: प्रकार 1, प्रकार 2, और गर्भावस्था में मधुमेह.
प्रकार 1 डायबिटीज: इसमें शरीर की इंसुलिन उत्पादन रोक दिया जाता है. इसका कारण आमतौर पर खुद के इम्यून सिस्टम द्वारा बेटा कोशिकाओं के हमले होता है.
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प्रकार 2 डायबिटीज: इसमें शरीर की इंसुलिन प्रभावी रूप से काम नहीं करती है या इसकी मात्रा कम हो जाती है. यह सामान्यतः वयस्कों में पाया जाता है और शरीर की ब्लड शुगर लेवल्स को कंट्रोल करने की क्षमता कम होती है.
गर्भावस्था में मधुमेह: कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह हो जाता है, जो कि गर्भावस्था के बाद स्वतः ही सामान्य हो जाता है, लेकिन यह भविष्य के लिए डायबिटीज के लिए एक उत्तेजक हो सकता है. इस बीमारी के प्रबंधन में संतुलित आहार, व्यायाम, और दवाइयों का उपयोग शामिल होता है. अगर समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह नशीला हो सकता है और अनेक समस्याओं को पैदा कर सकता है, जैसे की हृदय रोग, अंधता, किडनी रोग, या अंपुटेशन. इसलिए, इसका समय पर पहचाना और उपचार किया जाना महत्वपूर्ण होता है.
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