logo-image
लोकसभा चुनाव

Summer Health Tips: गर्मियों में बेहोश होना हो सकता है जानलेवा, जानें कारण और इसके उपाय 

Summer Health Tips: गर्मियों में अत्यधिक गर्मी और उमस के कारण कई बार लोग बेहोश हो जाते हैं. इसे हीट स्ट्रोक या गर्मी से थकान भी कहा जाता है. आइए जानें बेहोश होने के कारण के बारे में.

Updated on: 29 Apr 2024, 05:13 PM

New Delhi:

Summer Health Tips: गर्मी से बेहोशी किसी व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति होती है. जब तापमान अत्यधिक उच्च होता है, तो शरीर की तापमान नियंत्रण में रहने के लिए शरीर अत्यधिक पसीना बहाता है और इससे शरीर की तापमान नियंत्रित नहीं रहती है. इसके फलस्वरूप, व्यक्ति बेहोश हो सकता है. यह समस्या खासतौर पर गर्मियों में लंबे समय तक धूप में रहने, अत्यधिक शारीरिक क्षमता की खोज, या तापमान की अत्यधिकता के कारण होती है. बेहोशी की इस स्थिति में व्यक्ति चेहरे की रंगत में बदलाव, शारीरिक अस्तित्व के लक्षण और गंध में बदलाव आदि दिखा सकता है. इसलिए, गर्मी से बेहोशी को सीधे समय पर नियंत्रित किया जाना चाहिए ताकि इसकी विशेषज्ञ चिकित्सा सहायता मिल सके.

गर्मी में लोगों के बेहोश होने के कारण

1. हीट स्ट्रोक: यह गर्मी से संबंधित सबसे गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है. यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है और यहां तक ​​कि जानलेवा भी हो सकता है.

2. हीट थकान: यह हीट स्ट्रोक का एक हल्का रूप है, जिसमें शरीर अधिक गर्मी सोख लेता है और पसीने से पानी और नमक कम हो जाता है. इसके लक्षणों में चक्कर आना, कमजोरी, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और मतली शामिल हैं. 

3. हीट क्रैम्प्स: गर्मी में अधिक पसीना आने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम और पोटेशियम) की कमी हो सकती है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है. 

4. सनबर्न: धूप से त्वचा जलने से भी लोग बेहोश हो सकते हैं. सनबर्न के लक्षणों में त्वचा का लाल होना, सूजन, दर्द और छाले शामिल हैं. 

5. निर्जलीकरण: गर्मी में पसीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है. निर्जलीकरण के लक्षणों में प्यास, शुष्क मुंह, थकान, सिरदर्द और चक्कर आना शामिल हैं.

इन कारणों के अलावा, बुजुर्ग लोग और छोटे बच्चे गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. हृदय रोग, मधुमेह और सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य स्थितियां गर्मी से संबंधित बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती हैं. कुछ दवाएं लोगों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती हैं. शराब और कैफीन शरीर को निर्जलीत कर सकते हैं और गर्मी से संबंधित बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकते हैं. 

बचाव के तरीके

गर्मी में बेहोश होने से बचने के लिए, दिन भर, नियमित रूप से पानी पीते रहें, भले ही आपको प्यास न लगे. ठंडे स्नान या शॉवर लें, ठंडे कपड़े पहनें और एयर कंडीशनिंग या पंखे का उपयोग करें. गर्मी के सबसे गर्म समय (दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक) में बाहर जाने से बचें. भारी भोजन से बचें और हल्का, पौष्टिक भोजन करें. शराब और कैफीन का सेवन कम करें. नियमित रूप से व्यायाम करने से आपका शरीर गर्मी को बेहतर ढंग से सहन कर सकता है. अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो गर्मी में इनके प्रभावों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें. अगर आपको कोई स्वास्थ्य स्थिति है तो सावधान रहें.

यह भी पढ़ें: Self Care Tips: शाम 7 बजे के बाद इस तरह करें अपनी देखभाल, ये बड़ी समस्या हो जाएगी दूर