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Swine Flu: फिर से बढ़ा स्वाइन फ्लू का खतरा, अनदेखा करना हो सकता है जानलेवा

Swine Flu: स्वाइन फ्लू एक श्वसन बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कारण होती है. यह वायरस आमतौर पर सूअरों में पाया जाता है, लेकिन यह इंसानों में भी फैल सकता है.

Updated on: 07 May 2024, 03:21 PM

New Delhi:

Swine Flu: स्वाइन फ्लू एक श्वसन संक्रमण है जो H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है. यह वायरस आमतौर पर सूअरों को संक्रमित करता है, लेकिन यह मनुष्यों में भी फैल सकता है. 2009 में, भारत में स्वाइन फ्लू महामारी हुई थी, जिसमें 11,500 से अधिक मामले और 630 से अधिक मौतें हुई थीं. तब से, भारत में हर साल स्वाइन फ्लू के मामले सामने आते हैं, लेकिन संख्या आमतौर पर कम होती है. स्वाइन फ्लू के लक्षण मौसमी फ्लू के समान ही होते हैं जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, बहती नाक, आंखों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं. ज्यादातर लोग बिना किसी इलाज के स्वाइन फ्लू से ठीक हो जाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को, विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, निमोनिया, श्वसन विफलता, हृदय की समस्याएं, मस्तिष्क की समस्याएं इस फ्लू से हो सकता है. अगर आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए. डॉक्टर आपको दवा लिख सकते हैं जो आपके लक्षणों को कम करने और आपके ठीक होने की संभावना को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

स्वाइन फ्लू से बचाव के तरीके

बार-बार हाथ धोना: अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार 20 सेकंड तक धोएं, खासकर खांसने या छींकने के बाद और खाने से पहले और बाद में.

खांसने या छींकते समय अपना मुंह और नाक ढकें: अपने मुंह और नाक को ऊतक से ढकें या अपनी बांह की कुहनी के अंदर की तरफ खांसी या छींकें. इस्तेमाल किए गए ऊतकों को तुरंत कूड़ेदान में फेंक दें.

बीमार लोगों से संपर्क से बचें: यदि आप बीमार हैं, तो घर पर रहें और दूसरों के साथ निकट संपर्क से बचें.

टीका लगवाएं: स्वाइन फ्लू के लिए एक टीका उपलब्ध है. हर साल सर्दियों से पहले टीका लगवाने की सलाह दी जाती है.

स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन इसे रोका जा सकता है. यदि आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना महत्वपूर्ण है. भारत में स्वाइन फ्लू का पहला मामला अगस्त 2009 में सामने आया था. 2010 तक भारत में स्वाइन फ्लू के 19,565 मामले और 1,669 मौतें हुईं. इसके बाद स्वाइन फ्लू मौसमी फ्लू का एक हिस्सा बन गया, और हर साल सर्दियों के महीनों में मामले सामने आते रहते हैं.

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