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जिम और फिटनेस सेंटर की बजाए इन योग आसनों से खुद को रखें FIT

भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति योग के साधारण आसनों के जरिए आप स्थाई आंतरिक और बाहरी सौंदर्य आसानी से पा सकते हैं।

Updated on: 18 Jun 2018, 08:50 AM

नई दिल्ली:

आजकल के समय में प्रदूषण, तनाव, अनियमित जीवनशैली और दिन रात की भागदौड़ भरी जिंदगी से लोग समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगे हैं। कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां, कील मुहांसे, फुंसियां, काले धब्बे लगातार परेशानी का सबब बन रहे हैं। ऐसे में कुछ योग आसनों के नियमित अभ्यास से आप प्राकृतिक सुंदरता, दमकती त्वचा और शारीरिक आकर्षण प्राप्त किया जा सकता है।

सुंदर चमकीली त्वचा, गठीला शरीर, छरहरा बदन, चेहरे पर यौवन, चमकीले बाल और प्राकृतिक रूप से सुंदर दिखने की चाहत किसे नहीं होती? यही वजह है कि आजकल फिटनेस सेंटर, जिम, सैलून, स्पा और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मंहगे सौंदर्य प्रसाधनों को खरीदने की होड़ दिखती है।

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अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का कहना है कि भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति योग के साधारण आसनों के जरिए आप स्थाई आंतरिक और बाहरी सौंदर्य आसानी से पा सकते हैं।

वह कहती हैं, 'अगर आप योग साधना को अपने जीवन से जोड़ लें तो शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही प्राकृतिक तौर पर स्थायी रूप से सुंदर और प्रभावशाली बन सकते हैं। महंगे सौंदर्य प्रसाधनों, ब्यूटी सैलून के महंगे उपचार और समय को बचाया जा सकता है।'

शहनाज ने कहा कि हर दिन महज आधा घंटा सुबह और शाम सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, उत्थान आसन, कपाल भाती, धनुर आसन और सांसों की क्रिया के माध्यम से आप अपने यौवन, सौंदर्य और प्राकृतिक आकर्षण को जीवनर्पयत बनाए रख सकते हैं।

शहनाज हुसैन ने कहा कि बालों और त्वचा के सौंदर्य को बनाए रखने में प्राणायाम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं शरीर में प्राण वायु का प्रभावी संचार होता है और रक्त का प्रभाव बढ़ता है। प्रतिदिन 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक क्लीजिंग हो जाती है। प्राणायाम से बालों का सफेद होना और झड़ने जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है।

उन्होंने कहा, "उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार पा सकते हैं। कपालभाती से शरीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है। इससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है। धनुर आसन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है तथा शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे शरीर की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है तथा त्वचा की रंगत में निखार भी आता है।"

हर्बलक्वीन के नाम से मशहूर शहनाज हुसैन ने कहा कि योग के लगातार अभ्यास से त्वचा के साथ ही शरीर दीर्घकाल बरकरार रहता है। योगासन से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचकदार बनाए रखा जा सकता है, जिससे शरीर लंबे समय तक लचीला और आकर्षक बनता है। योग से शरीर के भार को कम करने में भी मदद मिलती है। इससे मांसपेशियां नरम और मुलायम हो जाती हैं।

उन्होंने कहा कि योगासन से थकान से मुक्ति मिलती है। शरीर में उर्जा का प्रभावी संचार होता है। सूर्यनमस्कार आसन से पूरे शरीर में नवयौवन का संचार होता है। सूर्यनमस्कार से शरीर पर बढ़ती आयु के प्रभाव को रोका जा सकता है। यह चेहरे और शरीर पर बुढ़ापे के चिन्हों के प्रभाव को रोकने में मददगार साबित होता है।

चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति पाने के लिए सूर्यनमस्कार और प्राणायाम दोनों प्रभावी आसन हैं।

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