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ऑफिस के काम के बीच एनर्जी पाने के लिए कॉफी नहीं, सीढ़ियां चढ़े-उतरे

दोपहर की नींद भगाने के लिए कॉफी से भी ज्यादा पावरफुल और प्रभावी सीढ़ियों का उरतरना और चढ़ना है।

Updated on: 21 Apr 2017, 06:02 PM

नई दिल्ली:

एक नई शोध के मुताबिक दोपहर की नींद भगाने के लिए कॉफी से भी ज्यादा पावरफुल और प्रभावी सीढ़ियों का उरतरना और चढ़ना है। ये आपकी सुस्ती को फटाक से दूर कर देता है।

अमेरिका की जॉर्जिया यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक 10 मिनट का रेगुलर सीढ़ियों पर चढ़ना उतरने व्यक्ति उतना ही एनर्जी पाता है जितना 50 मिलीग्राम कॉफी या फिर एक कैन सोडा से होता है।

यूजीए में काइनेजोलॉजी विभाग के प्रोफेसर पैट्रिक जे ओ कॉनोर ने कहा,' हमने पाया कि कैफीन और प्लेसीबो दोनों ही स्थितियों में ज्यादा अंतर नहीं पाया गया। लेकिन एक्सरसाइज से वे अधिक ऊर्जावान और फुर्तीला महसूस करते थे।' कॉनोर ने बताया कि ये एक टेम्परेरी अहसास है। जो एक्सरसाइज के तुरंत बाद आता हैँ। हालांकि 50 मिलीग्राम कैफीन के सेवन कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है। 

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इसो शोध को करने के पीछे की लक्ष्य घंटो कम्प्यूटर पर समय बिता देते हैं और उनके पास एक्सरसाइज करने का बिल्कुल समय नहीं होता है। इस शोध के लिए
प्रतिभागियों ने अलग दिन पर या तो कैफीन या एक प्लेसबो युक्त कैप्सूल का सेवन किया है। या कुल 30 मंजिलों के कम तीव्रता की गति पर सीढ़ियों से ऊपर और नीचे 10 मिनट तक चला है।

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कॉनोर ने कहा,' ऑफिस वर्कर्स वॉक के लिए बाहर जा सकते है लेकिन मौसम आपका साथ दे ये जरूरी नहीं है। सीढ़ियों पर कभी बरसात नहीं होती है। ऐसे में अगर आपके पास सीढ़िया चढ़ने का विकल्प हो तो ये आपकी सेहत को स्वस्थ रखेगा।

इस शोध में गंभीर नींद की समस्या से ग्रस्त कॉलेज की छात्राओं को प्रतिभागी बनाया गया था। इन छात्राओं को 6 व उससे कम घंटे नींद आती है। कैफीन व एक्सरसाइज के प्रभाव देखने के लिए उनके साथ कुछ परीक्षण किये गए। सभी समूहों को कुछ वर्बल और कंप्यूटर-आधारित टेस्ट में हिस्सा लिया। जिसमें उन्होंने कैसे महसूस किया कि कितनी अच्छी तरह उन्होंने कुछ संज्ञानात्मक कार्यों को किया।

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न तो कैफीन और न ही एक्सरसाइज याद्दाश्त व फोकस के सुधार का कारण थी, लेकिन सीढ़ियों का चढ़ना उतरने की क्रिया ने काम में मोटिवेशन पैदा किया। ये शोध जर्नल फिजियोलॉजी एंड बिहेवियर में छपा था।