logo-image

तनाव की गिरफ्त में लोग करते है इन तीन शब्दों का इस्तेमाल, रिसर्च में हुआ खुलासा

अगर बातचीत के दौरान बार-बार कुछ शब्दों का इस्तेमाल अक्सर करते है तो आप तनाव की गिरफ्त में हो सकते है।

Updated on: 11 Nov 2017, 12:15 AM

नई दिल्ली:

अगर बातचीत के दौरान बार-बार कुछ शब्दों का इस्तेमाल अक्सर करते है तो आप तनाव की गिरफ्त में हो सकते है अमेरिका में हुए एक अध्ययन के मुताबिक अगर आप अक्सर कुछ शब्द बार-बार बोलते है तो यह दर्शाता है कि आप टेंशन में है

स्पीच एक्सपर्ट के एक ग्रुप के मुताबिक जब कोई तनाव में होता है तो वे 'Really', 'So' और 'Very' शब्द बार-बार बोलते है रिसर्च में एक और बात सामने आई है कि ऐसे लोग ज्यादा नहीं बोलते है

'प्रॉसीडिंग्स ऑफ़ द नेशनल अकादमी ऑफ़ साइंस' में छपी इस स्टडी में ये बात सामने आई कि इस शोध में 143 लोगों का स्पीच पैटर्न एग्जामिन किया गया था सभी वालंटियर को एक वौइस् रिकॉर्डर पहनाया गया था जो कि थोड़ी -थोड़ी देर में ऑन हो जाता था

साइकॉलजिस्ट मथायस ने रिकॉर्डिंग को सुना और उसका अध्ययन किया। उन्होंने बताया, 'उनकी नजर में वे जो बोल रहे थे उसका कोई मतलब नहीं था लेकिन इससे जाहिर हो रहा था कि उनके अंदर क्या चल रहा है।'

इसके बाद उन्होंने जीनोमिसिस्ट्स की टीम के साथ मिलकर वालंटियर का स्ट्रेस लेवल चेक किया।

जो लोग तनाव में थे उन्होंने 'उनके' और 'वे' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कम किया था। इससे यह भी पता चलता है कि जो लोग तनाव में होते हैं वे आसपास के लोगों के बजाय खुद पर फोकस कर सकते हैं। शोध में निष्कर्ष निकला स्ट्रेस का पता लगाने में स्पीच पैटर्न काफी मददगार होता है।

और पढ़ें: स्मॉग से बचने के लिए घर में रखें ये पौधे, एयर प्यूरीफायर का करते है काम

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डिप्रेशन पर एक साल का कैंपेन लीड कर रहा है। इस कैंपेन का उद्देश्य है कि दुनिया भर में जितने भी लोग डिप्रेशन का शिकार है उनकी सहायता करना। 

WHO के अनुमानों के मुताबिक दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हैं। WHO के मुताबिक डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों की संख्या 2005 से 2015 के दौरान 18 फीसदी से अधिक बढ़ी है।

और पढ़ें: स्मॉग के चलते एयर प्यूरीफायर की बिक्री में आया उछाल, 100% हुई वृद्धि