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दिल के मरीजों को 'पेसमेकर' के दर्द से मिलेगा छुटकारा,वैज्ञानिकों ने बनाई नई 'आर्गेनिक बैटरी'

वैज्ञानिकों ने एक लचीला और आर्गेनिक सुपर कपैसिटर बनाया है। जो पेसमेकरों और मेडिकल इम्प्लांट्स में हार्ड बैटरी की जगह लेगा।

Updated on: 13 Sep 2017, 07:45 PM

नई दिल्ली:

वैज्ञानिकों ने एक लचीला और आर्गेनिक सुपर कपैसिटर बनाया है। जो पेसमेकरों और मेडिकल इम्प्लांट्स में हार्ड बैटरी की जगह लेगा। वैज्ञानिकों की इस टीम में एक भारतीय वैज्ञानिक भी शमिल है।

यह लचीला सुपर कपैसिटर मरीजों के लिए काफी आरामदायक होगा। नया डिवाइस नॉन फ्लेमएबल इलेक्ट्रोलाइट्स और आर्गेनिक कंपोजिट से बना है, जो मानव शरीर के लिए बिलकुल सुरक्षित है।

मेटल बैटरी की तरह इसे रिसाइकल करने की जरुरत नहीं है। इसे आसानी से खोले बिना रिसाइकिल किया जा सकता है।

इस नए सुपर कंडक्टर डिवाइस की डिटेल्स एनर्जी जर्नल में और ग्रीन केमिस्ट्री में प्रकाशित की गयी। महंगे मेटल्स की तुलना में इसे आसानी से उपलब्ध फीडस्टॉक के उपयोग से बनाया जा सकता है।

यूके के क्वींस यूनिवर्सिटी की गीता श्रीनिवासन के मुताबिक, 'मेडिकल में पेसमेकर और डिफिब्रिलेटर्स जैसे दो इम्प्लांट्स होते है एक दिल के अंदर फिट किया जाता है और दूसरा है मेटल बेस्ड बैटरी, जिसे शरीर की त्वचा के नीचे इम्प्लांट किया जाता है।'

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उन्होंने आगे कहा, 'त्वचा के नीचे इम्प्लांट डिवाइस से पेशेंट्स को परेशानी होती है क्योंकि यह वायर के जरिये जुड़े हुए होते है और यह त्वचा के खिलाफ घर्षण का काम करते हैं।'

मेडिकल क्षेत्र में इस डिवाइस के कई फायदे हैं साथ ही वेअरएबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लचीला बनाने में भी यह टेक्नोलॉजी एक विकल्प हो सकती है।

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