logo-image

लगातार बुखार है तो ना करें नजरअंदाज, मॉनसून में बीमारियों से बचने के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान

मॉनसून के दौरान लगातार बुखार रहे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अपने आप दवा लेकर इलाज करना भी नुकसादेह हो सकता है

Updated on: 02 Aug 2018, 08:49 PM

नई दिल्ली:

देश में मानसून के दौरान बुखार और अन्य संबंधित बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं। इनमें वायरल, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियां शामिल हैं। मॉनसून के दौरान होनी वाली बीमारियों और उनके इलाज के बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं, हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल...

- मॉनसून के दौरान लगातार बुखार रहे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अपने आप दवा लेकर इलाज करना भी नुकसानदेह हो सकता है। बुखार अलग-अलग स्थितियों का संकेत हो सकता है और मॉनसून फीवर विशेष रूप से आभासी हो सकता है।

- वायरल बुखार खांसी, आंखों का लाल होना या नाक बहने से जुड़ा हुआ है। डेंगू के साथ बुखार और आंखों में दर्द होता है। वहीं चिकनगुनिया बुखार में दांत और जोड़ों के दर्द रहता है। आम तौर पर जोड़ों का दर्द बढ़ता जाता है। मलेरिया बुखार ठंड और जकड़न के साथ आता है और बुखार के दो एपिसोड के बीच एक सामान्य चरण होगा। स्थिति की शुरुआत के बाद पीलिया में बुखार गायब हो जाता है। इसके अलावा टाइफाइड बुखार अक्सर अपेक्षाकृत नाड़ी (pulse) और विषाक्त भावना (toxic emotion) के साथ लगातार बना रहता है।

- साथ ही इस मौसम में कई बीमारियां पानी के ठहराव और मच्छरों के प्रजनन के से होती हैं। पीने के पानी का प्रदूषण भी आम कारण है। डायरिया और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी पीना महत्वपूर्ण है।

और पढ़ें - एनआरसी पर बोले गृहमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश पर हो रहा काम, बेवजह डर का माहौल न बनाए विपक्ष

-  डॉ. बताते हैं कि टॉक्सेमिया होने तक एंटीबायोटिक लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। गला खराब होने के मामलों में एंटीबायोटिक्स केवल तभी आवश्यक होती हैं जब गले में दर्द या टॉन्सिल हों। पेरासिटामोल या नाइमेसुलाइड के अलावा अन्य एंटी-फीवर दवाओं का उपयोग बिना सोचे समझे नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इनसे प्लेटलेट की काउंटिंग कम हो सकती है।

इन बातों का रखें खास ख्याल-

- हल्का भोजन खाएं क्योंकि शरीर की जीआई प्रणाली भारी भोजन को पचा नहीं सकती है। बिना धोये या उबाले पत्तेदार सब्जियां न खाएं, क्योंकि वे राउंड वर्म के अंडों से दूषित हो सकती हैं। बाहरी स्टॉल पर स्नैक्स खाने से बचें। इस सीजन में करंट लगने से होने वाली मौतों से सावधान रहें क्योंकि अर्थ न होने पर कूलर में करंट आ सकता है। नंगे पैर नहीं चलें, क्योंकि ज्यादातर कीड़े इस मौसम में बाहर आ जाते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

- रुके हुए पानी में न खेलें क्योंकि चूहे का मूत्र मिला पानी लैक्टोसिरोसिस (पीलिया के साथ बुखार) उत्पन्न कर सकता है। घर या आस-पास के इलाकों में पानी जमा न होने दें। केवल उबला हुआ या सुरक्षित पानी पीएं क्योंकि इस मौसम में दस्त, पीलिया और टाइफाइड की अधिक संभावना रहती है।

और पढ़ें - 'भारत' में फिर दिखेगी सलमान और कटरीना की जोड़ी, 'टाइगर जिंदा है' में आए थे नजर