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Alarm! कानों को नुकसान पहुंचा सकता है लंबे समय तक ईयरफोन का प्रयोग

एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार बहुत तेज आवाज में हेडफोन्स या ईयरफोन्स पर गाने सुनने से कानों के सुनने की क्षमता में कमी आती है।

Updated on: 07 Nov 2017, 10:45 PM

नई दिल्ली:

ईयरफोन लगा कर बात करना या गाने सुनने का नजारा आपको आपके आस-पास देखने को मिल जाता है। ट्रैवेल हो या टॉक, मेट्रो शहर हो या छोटे ईयर फोन का प्रयोग लोगों के बीच बहुत आम हो गया है। एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार बहुत तेज आवाज में हेडफोन्स या ईयरफोन्स पर गाने सुनने से कानों के सुनने की क्षमता में कमी आती है।

इसके नुकसान भी बहुत होते हैं। अक्सर लोग उन्हें नजरंदाज कर जाते हैं। जिसके कारण बहरापन या काम से जुड़ी कई समस्याओं का खतरा होने की आशंका रहती है। ईयरफोन सिर्फ बीमारी ही नहीं देता, कई बार इसकी लापरवाही के चलते लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. भरत बी खत्री बताते हैं, 'अगर साउंड बहुत तेज है यानि 75 या 85 डेसीबल का प्रयोग करने पर परमानेंट या पार्सल बहरेपन की समस्या हो सकती है। लगातार 3-4 घंटे तक इसका प्रयोग आपके कान को नुकसान पहुंचा सकता है।'

ईयरफोन का प्रयोग हमेशा 75 डेसीबल की आवाज में ही करें। यही नहीं, आधे से एक घंटे तक ही लगातार ईयरफोन का प्रयोग करे। इससे ज्यादा का प्रयोग आपके कान के परदे को नुकसान पहुंचा सकता है। । ईयरफोन्स के लगातार प्रयोग से सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसीबेल तक कम हो जाती है।

दुनिया में करीब 7 फीसदी लोग कान में दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं और ज्यादातर लोगों को फंगस इन्फेक्शन की समस्या रहती है।

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ईयरफोन के प्रयोग में सावधानी

  • आमतौर पर कान 65 डेसिबल की ध्वनि को ही सहन कर सकता है। लेकिन ईयरफोन पर अगर 90 डेसिबल की ध्वनि अगर 40 घंटे से ज्यादा सुनी जाए तो कान की नसें पूरी तरह डेड हो जाती है।
  • इसके कारण बाहरी भाग के कान के परदे को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ अंदरूनी हेयरसेल्स को भी तकलीफ पहुंचाता है़ उम्र बढ़ने के साथ बिमारियां सामने आने लगती है़।
  • कम से कम ईयरफोन का इस्तेमाल करें और अगर किसी के ईयरफोन का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो उसे सेनिटाइजर से साफ करना न भूलें।

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