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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, जाट आरक्षण में लगी रोक रहेगी जारी

हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है।

Updated on: 01 Sep 2017, 04:53 PM

highlights

  • पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक को रखा बरकरार
  • पिछले साल जाट आरक्षण की मांग को लेकर हुई थी हिंसा

नई दिल्ली:

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग करने वाले संगठनों को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बैकवर्ड कैटेगरी में जाटों और दूसरी 6 जातियों को कितना आरक्षण मिलना है ये सरकार की तरफ से बनाए गए कमीशन के माध्यम से ही तय होगा।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जाटों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया। इस मामले में मार्च में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसले सुरक्षित रख लिया था।

हरियाणा सरकार राज्य में प्रदर्शन और आंदोलन के बाद पिछड़ा वर्ग (नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) एक्ट के तहत आरक्षण देने को तैयार हो गई थी।

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राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका में कहा गया था कि ये फैसला संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और ये सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी तक आरक्षण के सीमा को भी पार करता है। इस याचिका के बाद हाई कोर्ट ने इसपर स्टे लगा दिया था।

वहीं फैसले के बाद जाटों ने चेतावनी दी है कि अगर आरक्षण हटाया गया तो वो पूरे राज्य में बड़ा आंदोलन करेंगे। गौरतलब है कि पिछले साल जाटों के आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

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