19 फरवरी को बलिदान दिवस के रूप में मनाएंगे जाट प्रदर्शनकारी
आंदोलनकारी जाट नेताओं ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
नई दिल्ली:
आंदोलनकारी जाट नेताओं ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद सबकी नजरें शनिवार को उस बैठक पर टिक गईं हैं, जिसमें जाट नेता आंदोलन के अगले कदम पर निर्णय लेंगे। जाट आंदोलन 29 जनवरी से शुरू हुआ है। इसे 20 दिन पूरे हो चुके हैं।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि जाट समुदाय अपने अगले कदम के बारे में शनिवार को फैसला करेगा।
एआईजेएएसएस ने बीते साल जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के साल पूरे होने पर 19 फरवरी को बलिदान दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
मलिक ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मोहम्मद अकील ने बातचीत की अपील की है। एडीजीपी अकील खट्टर सरकार द्वारा जाट नेताओं के साथ बातचीत के लिए गठित वरिष्ठ अधिकारियों की पांच सदस्यीय समिति में शामिल हैं।
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मलिक ने खट्टर सरकार पर आंदोलन को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जाट अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखेंगे। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को उपायुक्तों का मार्गदर्शन करने और उनकी मदद के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को आठ जिलों में तैनात किया है। यह फैसला जाट आंदोलन के मद्देनजर लिया गया है।
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