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गोहत्या पर होगी आजीवन कारावास की सजा, नहीं होगी जमानत भी, गुजरात सरकार ने लागू किया कानून

गोवध को लेकर चल रही बहस के बीच गुजरात सरकार ने गोवध करने पर आजीवन कारावास की सज़ा के प्रावधान को लागू कर दिया है।

Updated on: 04 Jun 2017, 12:03 AM

अहमदाबाद:

गोवध को लेकर चल रही बहस के बीच गुजरात सरकार ने गोवध करने पर आजीवन कारावास की सज़ा के प्रावधान को लागू कर दिया है।

गुजरात सरकार ने गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2017 लागू कर दिया है, जिसके मुताबिक राज्य में गोवध के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है। इस विधेयक को इसी वर्ष मार्च में गुजरात विधानसभा में पारित किया गया था।

राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने यहां पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार गाय की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और इससे संबंधित सारे नियमों की घोषणा जल्द ही अधिसूचना जारी कर की जाएगी।

उन्होंने कहा, 'हमने अपने सबसे पवित्र पशु गाय की सुरक्षा के लिए सबसे सख्त कानून बनाया है और सरकार गाय की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। इस कानून के लागू होने के साथ ही राज्य में गोवध करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान है तथा वध के लिए गाय ले जाने वाले वाहन को जब्त कर लिया जाएगा।'

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जडेजा ने बताया कि इससे पहले अब तक गोवध के लिए तीन से सात वर्ष की सजा और 50,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा थी, लेकिन अब कम से कम 10 वर्ष की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा होगी, जबकि पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा।

जडेजा ने बताया कि नए कानून के तहत बछड़ा या बछिया की अवैध ढुलाई, गोमांस या गोमांस से बने उत्पाद, गोमांस का भंडारण या गोमांस के प्रदर्शन पर भी सात से 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है और एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा।

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इससे पहले इस तरह के अपराधों में जमानत मिल जाती थी, लेकिन नए कानून में पुलिस के लिए इसे प्रवर्तनीय बना दिया गया है और गैर-जमानती होगा।

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