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गुजरात चुनाव 2017 : जानें आखिर क्यूं हैं डायमंड सिटी सूरत अर्थव्यवस्था के लिए खास

गुजरात की हीरा नगरी सूरत आज देश ही नहीं, दुनिया भर में विख्यात है। भारत में होने वाले हीरे के कुल कारोबार में 65 फीसदी हिस्सेदारी सूरत की है।

Updated on: 02 Dec 2017, 09:46 AM

नई दिल्ली:

गुजरात की हीरा नगरी सूरत आज देश ही नहीं, दुनिया भर में विख्यात है। भारत में होने वाले हीरे के कुल कारोबार में 65 फीसदी हिस्सेदारी सूरत की है। सूरत मुख्य रूप से कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग-पोलिशिंग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

कई प्राचीन लेखकों ने भी अपने लेखों में सूरत शहर का जिक्र किया है। पुर्तगाली, डच, मुगल और अंग्रेजों की शरणस्थली रहा सूरत पंद्रहवी सदी से ही उद्योग नगरी माना जाता है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में प्रथम वेयरहाउस भी इसी शहर में स्थापित किया था।

सूरत दुनिया के सबसे बड़े डायमंड क्लस्टर के रूप में जाना जाता है, जहां 3,500 से अधिक डायमंड प्रोसेसिंग यूनिट हैं। विश्व में 10 में से 8 हीरों की पॉलिशिंग सूरत में होती है।
भारत की जेम्स एंड ज्वैलरी की कुल 80,000 करोड़ रुपए की आय में से 80 फीसदी हिस्सा सूरत शहर का होता है।

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सूरत में डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग उद्योग में कुल सात लाख कामगार कार्यरत हैं जिसमें से अधिकतर युवा शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों से मुंबई का डायमंड उद्योग है सूरत में शिफ्ट होने लगा है।

हीरे के घरेलू कारोबार के साथ निर्यात में बढ़ोतरी के लिए गुजरात के सूरत शहर के पास अंतर्राष्ट्रीय ट्रेडिंग हब बनाया जा रहा है। इस हब को ड्रीम (डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल) सिटी का नाम दिया जा रहा है।

जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के मुताबिक ड्रीम सिटी 2,000 एकड़ में फैली होगी और यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हीरे का कारोबार होगा। यहां राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हीरे कारोबारियों के लिए 10,000 कार्यालय होंगे।

इस ड्रीम सिटी को बनकर तैयार होने में अगले चार साल का अनुमान है और इस पर 1,25,000 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। काउंसिल के अनुमान के मुताबिक ड्रीम सिटी के बनने से सालाना 90,000 करोड़ रुपये के कारोबार का निर्माण होगा।

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