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5,000 EVM को हैक करने की तैयारी में अहमदाबाद की आईटी कंपनी: हार्दिक

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पटेल) को हैक करने का आरोप लगाया है।

Updated on: 17 Dec 2017, 09:47 AM

highlights

  • गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले हार्दिक पटेल ने लगाया ईवीएम हैकिंग का आरोप
  • पटेल ने कहा कि अहमदाबाद की कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मदद से ईवीए को कोड बदलने की साजिश की जा रही है

नई दिल्ली:

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पटेल) को हैक करने का आरोप लगाया है।

पटेल ने ट्वीट कर कर कहा कि अहमदाबाद की कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मदद से ईवीए को कोड बदलने की साजिश की जा रही है।

उन्होंने कहा, 'अहमदाबाद की एक कंपनी के द्वारा १४० सोफ्टवेर एंजिनियर के हाथों से ५००० (5,000) EVM मशीन के सोर्स कोर्ड से हेकिंग करने की तैयारी हैं।'

गौरतलब है कि इससे पहले एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत की संभावनाओं को खारिज करते हुए पटेल ने कहा था कि गुजरात में बीजेपी हार रही है।

उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हुई तो बीजेपी के चुनाव जीतने का सवाल ही पैदा नहीं होता। एग्जिट पोल्स में जहां गुजरात में बीजेपी के सत्ता में बने रहने का अनुमान लगाया गया है वहीं हिमाचल प्रदेश में वह वापसी करती दिखाई दे रही है।

गुजरात की 182 विधानसभा सीटों और हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे 18 दिसंबर को सामने आएंगे।

गौरतलब है कि यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहली बार बीजेपी पर ईवीएम को हैक करने का आरोप लगाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की थी।

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मायावती की इस मांग का अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन किया था। इसके बाद से यह मुद्दा समय-समय पर उठते रहा है।

गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में ईवीएम और वीपीपैट में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, हालांकि कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस की अपील को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है और केवल एक पार्टी की आशंका को दूर करने के लिए इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

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