गोवा विधानसभा चुनाव 2017: क्या होगा चुनावी मुद्दा, क्यों बदल रहा है समीकरण?
गोवा में विधानसभा की कुल 40 सीटों पर 4 फरवरी को एक ही चरण में चुनाव होगा।
नई दिल्ली:
गोवा अपनी मस्ती और मजे के लिए तो हमेशा से ही जाना जाता रहा है, लेकिन इस बार चुनावी गणित को लेकर भी काफी चर्चा में है। गोवा की 40 सदस्यीय विधान सभा के लिए 4 फरवरी को मतदान होना है। गोवा में मुख्यतया मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है।
जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी इस बार के चुनाव में महत्वपूर्ण रोल निभाने जा रही है।
ये भी पढ़ें- गोवा: अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज, दिया था पैसे लेने का बयान
अपने एक अंदरूनी सर्वेक्षण के आधार पर ‘आप’ ने भी दावा किया है कि गोवा में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एल्विस गोम्स राज्य की अगुवाई के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरे के तौर पर उभरे हैं और गोवा विधानसभा चुनावों में उसे राज्य की कुल 40 विधानसभा सीटों में से 24 सीटें हासिल होंगी।
गोवा विधानसभा चुनाव के मुद्दे
- गोवा पर्यटन के लिहाज़ से काफी अहम राज्य है और नोटबंदी की वजह से राज्य को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में विरोधी पार्टी इसे सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकती है।
- गोवा के बीच पर होने वाली शैक पार्टियों में 10 बजे की समय सीमा ने रौनक़ ख़त्म कर दी है, जबकि यहां ऐसे करीब एक हजार शैक्स हैं।
- इस बार गोवा में कसीनो एक बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा है। गोवा में कई कसीनो हैं जहां लोग दांव लगाते हैं और अगर दांव लग गया तो एक के बदले 35 गुना जीतते हैं। स्थानीय लोग चाहते हैं कि इन कसीनो को गोवा की मांडवी नदी से कहीं दूर भेज दिया जाए।
- गोवा के आम लोग भी कसीनो में जाते हैं और जीतने के चक्कर में अपना सबकुछ लुटा देते हैं। बीजेपी इल्जाम कांग्रेस पर मढ़ रही है तो कांग्रेस और आप का कहना है कि जीते तो कसीनो बाहर कर देंगे।
- सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सिर्फ लीगल माइनिंग ही हो रही है, जिससे सरकार की कमाई घट गई है। लेकिन दूसरे दल इसे फिर शुरू करवाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
- गोवा के आर्च बिशप ने क्रिसमस पर चुनाव को लेकर एक अहम बात कही थी, मानवता के प्रति सेवा और अपनी धरती के प्रति ज़िम्मेदारी समझते हुए चर्च इस बार सही उम्मीदवार चुनने में अपने अनुयायियों का मार्गदर्शन करेगी।
- माना जा रहा है कि ये बयान बीजेपी के प्रति नाराजगी की वजह से दी गई है और इसका असर 30 फीसदी वोटरों पर भी पड़ सकता है।
राजनीतिक समीकरण
- बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी, गोवा सुरक्षा मंच और शिवसेना जैसी महत्वपूर्ण पार्टियों ने अपना महागठबंधन बना लिया है। जिससे वोट बटने के आसार कम होते जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के सेकुलर वोटबैंक में सेंधमारी के लिए आम आदमी पार्टी मैदान में है।
- 2012 में भाजपा ने 21 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था। तब उसे 34.7 फीसदी वोट मिले। कांग्रेस ने 30.8 प्रतिशत मत प्राप्त किए, लेकिन सीटें उसे 9 ही मिल पाईं। कभी राज्य में काफी शक्तिशाली रही महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी को 6.7 प्रतिशत वोट और 3 सीटें मिली थीं।
- 2012 में हालांकि मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में बीजेपी ने बहुमत की सरकार बनाई थी, लेकिन इस बार बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं है। जिसको देखते हुए बीजेपी छोटी पार्टियों और कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों के संपर्क में भी है।
- बीजेपी हाईकमान भी इस बात को ठीक से समझ रही है और शायद यही वजह है कि हाल ही में अमित शाह ने पर्रिकर को गोवा वापस भेजने के संकेत दिए हैं।
ये भी पढ़ें- गोवा विधानसभा चुनाव: 156 करोड़पति चुनावी दंगल में आजमा रहे हैं किस्मत
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर