IFFI 2017: राहुल रवैल बोले- फिल्म महोत्सव का बहिष्कार करना पागलपन है
रवैल ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि महोत्सव अच्छे से चलेगा।' जूरी के फैसलों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की दखलंदाजी को लेकर फिल्म जगत के कुछ लोगों द्वारा इफ्फी का बहिष्कार करने की मांग की गई है। इस बारे में रवैल ने कहा, 'पागलपन है।'
नई दिल्ली:
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में भारतीय पैनोरमा खंड के कार्यकारी जूरी प्रमुख फिल्मकार राहुल रवैल का कहना है कि फिल्म महोत्सव का बहिष्कार करने का आह्वान पागलपन है।
इफ्फी से दो फिल्मों को निकाले जाने के बाद काफी विवाद हुआ और सुजॉय घोष ने इस्तीफा दे दिया था। रवैल, घोष की अध्यक्षता वाली जूरी का हिस्सा थे, जिन्होंने (घोष) सनल ससिधरन की मलयालम फिल्म 'एस दुर्गा' और रवि जाधव की मराठी फिल्म 'न्यूड' को अंतिम सूची से निकाले जाने पर इस्तीफा दे दिया।
रवैल ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि महोत्सव अच्छे से चलेगा।' जूरी के फैसलों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की दखलंदाजी को लेकर फिल्म जगत के कुछ लोगों द्वारा इफ्फी का बहिष्कार करने की मांग की गई है। इस बारे में रवैल ने कहा, 'पागलपन है।'
28 नवंबर तक चलने वाला यह महोत्सव दो फिल्मों को निकाले जाने और संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के विवादों में होने के कारण अतिरिक्त छानबीन के दायरे में है।
दिलचस्प बात यह है कि सिनेमा के जश्न का दावा करने वाले मंच का हिस्सा बनने वाले अधिकांश लोग इस विवाद के बारे में बात करने से बच रहे हैं।
और पढ़ें: 'पद्मावत' के रचनाकार जायसी का अलाउद्दीन खिलजी से था विशेष नाता
हालांकि, रवैल ने इस मामले पर कहा, ''पद्मावती' मामले में मैं मजबूती से फिल्मकार के साथ खड़ा हूं। उन्होंने सच्चाई और कड़ी मेहनत के साथ फिल्म बनाई है। वह संभवत: आज के सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों में से हैं। वह इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं करने वाले।'
उन्होंने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि कल्पना और इतिहास को एक साथ कैसे रखा जा सकता है, लेकिन फिल्म 'मुगल-ए-आजम' की बात करें, तो इसमें अनारकली का किरदार पूरी तरह से काल्पनिक था। अनारकली इतिहास में कही मौजूद नहीं है। उस समय किसी ने विरोध नहीं किया।
रवैल ने कहा किसी शक्स ने यह कहा कि उस समय फिल्म का किसी ने विरोध नहीं किया, जो कि मूर्खतापूर्ण बात है, अगर आज यह फिल्म रिलीज हुई होती तो क्या इसका विरोध होता?
फिल्म 'पद्मावती' में इतिहास से छेड़छाड़ करने की बात कहकर राजपूत संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।
रवैल ने कहा कि भंसाली कुछ चीजें अपने हाथों में नहीं ले सकते, जहां वह इतिहास बदल सकेंगे। मामले को सही तरीके से निपटाना चाहिए।
फिल्मकार ने 'न्यूड' और 'एस दुर्गा' को हटाए जाने पर मंत्रालय के बचाव में कहा कि 'न्यूड' पूरी तरह से एक अधूरी फिल्म थी, जबकि 'एस दुर्गा' हमारे पास 'सेक्सी' दुर्गा के नाम से आई थी, लेकिन इसे सेंसर कर 'एस दुर्गा' कर दिया गया। इसमें कुछ बदलाव किया गया, जिससे यह पूरी तरह से एक नई फिल्म बन गई।
और पढ़ें: PICS: हरियाणा की इन धाकड़ महिलाओं का पूरा विश्व मानता है लोहा
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 2 May 2024: क्या है 2 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Love Rashifal 2 May 2024: प्रेम और वैवाहिक जीवन के लिए कैसा रहेगा गुरुवार का दिन, पढ़ें लव राशिफल
-
May 2024 Career Rashifal: मई में इन 5 लोगों का चमक जाएगा करियर, मिलेगी जोरदार सफलता
-
May 2024 Masik Rashifal: आप सभी के लिए मई का महीना कैसा रहेगा? पढ़ें संपूर्ण मासिक राशिफल