logo-image
लोकसभा चुनाव

गरीबों के अधिकारों के लिए किया काम, घोटालों पर लगाई रोक: मोदी

IBC कानून आने के बाद अब ये सुनिश्चित हुआ है कि अगर बैंक से कर्ज लिया है तो वो हर हाल में आपको लौटना ही पड़ेगा

Updated on: 31 Mar 2019, 02:36 PM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने जनधन खातों, आधार और मोबाइल से ये सुनिश्चित किया है कि गरीबों के अधिकार कोई छीन न सके और उनके हक़ का पैसा सीधा उनके खातों में जमा हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह बातें कही हैं. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत ने IBC के तौर पर ऐसा कानून बनाया है जिसके बाद अब ये सुनिश्चित हुआ है कि अगर बैंक से कर्ज लिया है तो वो हर हाल में आपको लौटना ही पड़ेगा. IBC को बने अभी 2 साल भी पूरे नहीं हुए हैं और इतने कम समय में ही बैंकों के लगभग 300 करोड़ रुपये वापस आ चुके हैं.

यह भी देखें: चाय गरम : सबूत मांगने वालों पर निशाना, मेरठ में विपभ पर बरसे PM नरेंद्र मोदी

पिछले 5 साल में भाजपा सरकार ने रिज़र्व बैंक और सरकारी एवं प्राइवेट बैंकों के साथ मिलकर देश को फोन बैंकिंग घोटाले से उबारा है, अब कोई भी व्यक्ति बैंकों का पैसा लेकर बैठ नहीं सकता. कांग्रेस की जब सरकार थी तो क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं थी कि सिस्टम में ऐसे बदलाव किए जाएं और उसे फुलप्रूफ किए जाए. जिसकी नीयत देश के करदाताओं के पैसे पर डोल रही हो और जो सिर्फ अपनी नहीं बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इंतजाम करना चाहता हो, वो ईमानदार व्यवस्था का निर्माण नहीं कर सकता है. कालेधन पर एसआईटी बनाने को पिछली सरकार तीन साल तक टालती रही, हमारी सरकार ने आते ही इसपर फैसला लिया.

यह भी देखें: गर्मी में चढ़ा सियासी पारा, क्या गर्मी चुनाव का जोश ठंडा कर देगी!

हमारी सरकार जिस सोच के साथ काम कर रही है, ये देश ने बीते 5 वर्षों में देखा है. पहले दुनियाभर में भारत की स्थिति क्या थी? और आज कहां है इसकी तुलना कर लीजिए.आज जब हम आत्मरक्षा के लिए सीमा पार कर आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारते हैं, तो पूरी दुनिया हमारे साथ खड़ी होती है. क्या 5 वर्ष पहले ऐसा संभव था? पहले दुनिया नियम बनाती थी और भारत को उसका पालन करना पड़ता था. आज हमारा देश दुनिया के नियम बनाने में अहम भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है. देश का एक भी राज्य ऐसा नहीं है, जहां भारत सरकार ने कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू न किये हो.