UP Election 2022: AIMIM प्रत्याशी ने मांगी वोटों की भीख, दी ये दलील
महराजगंज जनपद की 5 विधानसभा सीटों पर आगामी 3 मार्च को छठवें चरण में मतदान होना है. नौतनवां इस सीट पर मौजूदा विधायक अमन मणि त्रिपाठी बसपा के टिकट पर चुनावी ताल ठोक रहे हैं.
highlights
नौतनवां विधानसभा सीट पर AIMIM की भी दावेदारी
एआईएमआईएम ने ब्राह्मण कैंडिडेट उतारा
भीख के तौर पर मांग रहे हैं वोट
महाराजगंज:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनावी वार-पलटवार पूरे जोर पर है. किसी का कनेक्शन कहीं जोड़ा जा रहा है, तो किसी को किसी से किसी और का संपर्क रास नहीं आ रहा है. इस बीच महाराजगंज जिले की नौतनवां विधानसभा सीट की बात करें तो ये सीट बाहुबलियों के कब्जे में लंबे समय से रही है. लेकिन इस बार यहां से एआईएमआईएम पार्टी भी ताल ठोक रही है. खास बात ये है कि एआईएमआईएम ने यहां से एक ब्राह्मण उम्मीदवार नागेंद्र शुक्ला पर दांव खेला है. जिन्होंने वोट मांगने के लिए ऐसा हठकंडा अपनाया है कि उन्हें वोट मिले या न मिले, चर्चा काफी मिल जा रही है.
वोटों की भीख मांग रहे नागेंद्र शुक्ला
नौतनवां विधानसभा से एआईएमआईएम के प्रत्याशी नागेंद्र शुक्ला ने नौतनवां कस्बे में कटोरा लेकर वोटों की भीख मांगा। नागेंद्र कभी किसी नौजवान को पकड़कर, तो कभी ऑटो रिक्शा और कभी बस पर चढ़कर सवारियों से वोटों की भीख मांगते हुए नजर आ रहे हैं। नागेंद्र शुक्ला ने वोट मांगते समय विपक्ष के प्रत्याशियों पर जमकर निशाना साधा और अपनी जीत का दावा किया।
नौतनवां सीट पर 3 मार्च को मतदान
महराजगंज जनपद की 5 विधानसभा सीटों पर आगामी 3 मार्च को छठवें चरण में मतदान होना है. नौतनवां इस सीट पर मौजूदा विधायक अमन मणि त्रिपाठी बसपा के टिकट पर चुनावी ताल ठोक रहे हैं. वहीं, कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह सपा की साइकिल पर सवार हैं. बीजेपी-निषाद पार्टी गठबंधन ने ऋषि त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा है. एआईएमआईएम ने नागेंद्र शुक्ला को टिकट दिया है.
नौतनवां सीट पर पिछली बार ये था परिणाम
बता दें कि नौतनवां विधानसभा सीट महाराजगंज जिले में आती है। साल 2017 के चुनाव में नौतनवां में कुल 37.07 प्रतिशत वोट पड़े. 2017 में स्वतंत्र से अमन मणि त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के कुंवर कौशल किशोर सिंह (मुन्ना सिंह) को 32256 वोटों के मार्जिन से हराया था. अमन मणि तब जेल में बंद थे और उनके चुनाव प्रचार की कमान बहनों ने संभाली थी. चुनावी बाजी अमन मणि के हाथ लगी और वे पहली बार विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. ये विधानसभा सीट बाहुबली नेताओं का गढ़ मानी जाती रही है. इसी सीट से अमन मणि के पिता अमर मणि त्रिपाठी चार दफे विधायक रहे तो वीरेंद्र प्रताप शाही और अखिलेश सिंह दो-दो बार सफल रहे वहीं, कुंवर कौशल सिंह और अमन मणि त्रिपाठी एक-एक बार इस सीट से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं.
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