Telangana Election: मतदान से पहले कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, पुस्तक विमोचन के बहाने दिया ये संदेश
Telangana Election: 119 सीटों पर तेलंगाना में मतदान होना है. यहां पर कल यानि 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. राज्य में केसीआर की सरकार और उन्हें हटाने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है.
नई दिल्ली:
तेलंगाना में गुरुवार को वोटिंग से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है. राज्य में सत्ताधारी चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी BRS को उखाड़ने के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने जमकर चुनावी प्रचार किया है. सोनिया गांधी खराब सेहत की वजह से राज्य में नहीं जा पाईं, मगर उन्होंने मंगलवार को वीडियो मैसेज के जरिए तेलंगाना के लोगों से भावुक अपील की है. इस बीच, कांग्रेस ने दलित कार्ड को भी सामने रखा है. वोटिंग से कुछ ही समय पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर लिखी किताब का विमोचन किया गया. सोनिया गांधी ने बधुवार को दिल्ली में इस किताब को लॉन्च किया.
खरगे कांग्रेस के दलित चेहरा हैं. 15 फीसदी आबादी तेलंगाना में दलितों की है. दरअसल, कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के लिए दलित वोटों में सेंध लगाना चाहती है. इन वोटों को खींचने के लिए कांग्रेस का ये बड़ा दांव हो सकता है.
बुक लॉन्च से कांग्रेस ने तेलंगाना के दलितों को संदेश दिया है. पार्टी ने पहले तो खरगे को अध्यक्ष बनाया और अब वोटिंग से ठीक पहले उनकी किताब को जनता के बीच लाया गया. तेलंगाना के दलित वोटर्स को खास संदेश जाएगा कि कांग्रेस पार्टी के इस वर्ग के लिए सोच रही है. किताब की लॉन्चिंग मतदान से ठीक पहले हुई. ऐसे में ये वोटर्स के दिमाग में ताजा रहेगी.
खरगे का केसीआर पर हमला
मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव प्रचार के वक्त केसीआर पर कई बार हमला किया. उन्होंने राव पर अपने चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने में विफल होने का आरोप लगाया. खरगे के अनुसार, उनके परिवार ने बीते दस सालों में राज्य को लूटा है. खरगे ने तेलंगाना राज्य के गठन का पूरा श्रेय सोनिया गांधी को दिया. उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता के करीब नहीं हैं. खरगे ने इस बार सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए दलित वोटरों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की है. अब ये कोशिश कितनी सफल होती ये मतगणा के बाद ही पता चल सकेगा.
राहुल गांधी ने जम पर किया प्राचार
वैसे तो कांग्रेस और राहुल पांचों राज्यों में बेहतरी प्रदर्शन के साथ जीत आस लगा रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा से पहले तेलंगाना में कांग्रेस बिखरी थी. अधिकतर नेता पार्टी छोड़ बीआरएस या बीजेपी में चले गए. एक सर्वे बताता है कि कांग्रेस बीआरएस और भाजपा के बाद आती है. ऐसे में राहुल गांधी ने तेलंगाना में खास रणनीति के तहत मेहनत की है. राहुल गांधी की राय पर पार्टी की कार्यसमिति की बैठक का आयोजन तेलंगाना में किया गया. उन्होंने 5 राज्यों में तेलंगाना पर सबसे अधिक समय और जोर दिया.
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