NMC डॉक्टरों की हिप्पोक्रेटिक शपथ के बदले 'चरक शपथ' के पक्ष में, IMA करेगा विरोध
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) चिकित्सकों के लिए सदियों पुरानी हिप्पोक्रेटिक शपथ को चरक शपथ से बदल सकता है. एनएमसी के उल्लिखित हिप्पोक्रेटिक शपथ को बदलने के प्रस्ताव को आईएमए ने पूरी तरह से तर्कहीन बताया है.
highlights
- चिकित्सक हिप्पोक्रेटिक शपथ की जगह नई चरक शपथ ले सकते हैं
- आईएमए ने प्रस्तावित बदलाव को बताया सिरे से तर्कहीन, करेगा विरोध
- हालांकि एनएमसी ने अभी इस बारे में नहीं लिया है कोई अंतिम निर्णय
नई दिल्ली:
देश में चिकित्सा शिक्षा की सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) चिकित्सकों के लिए सदियों पुरानी हिप्पोक्रेटिक शपथ को चरक शपथ से बदल सकता है. एनएमसी की सात फरवरी को हुई बैठक के मिनट्स दस्तावेज के अनुसार, स्नातक समारोह के दौरान चिकित्सक हिप्पोक्रेटिक शपथ की जगह नई चरक शपथ ले सकते हैं. इसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है. अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन आईएमए ने एनएमसी के हिप्पोक्रेटिक शपथ को बदलने के निर्णय को पूरी तरह से तर्कहीन करार दिया है. साथ ही कहा है कि इसको लेकर विरोध जताया जाएगा.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने अभी नहीं किया अंतिम फैसला
दस्तावेज में कहा गया है, 'कोई हिप्पोक्रेटिक शपथ नहीं. माता-पिता के साथ सफेद कोट समारोह के दौरान 'महर्षि चरक शपथ' होगी, जो एनएमसी की वेबसाइट पर मौजूद है.' हालांकि एनएमसी की तरफ से हिप्पोक्रेटिक शपथ को चरक शपथ से बदलने पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. एक सूत्र के मुताबिक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और शपथ पर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है. गौरतलब है कि 'चरक शपथ' महर्षि चरक से संबद्ध है, जिन्हें आयुर्वेद के एक महान योगदानकर्ता और चिकित्सा ग्रंथ 'चरक संहिता' के लेखक के रूप में देखा जाता है.
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सदियों पुरानी प्रथा पर छिड़ी बहस
इस बीच, इस प्रस्ताव ने सदियों पुरानी प्रथा को बदलने की प्रासंगिकता पर बहस छेड़ दी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि हालांकि इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हम कल इस पर एक बैठक करने जा रहे हैं और सदियों पुरानी शपथ पद्धति को बदलने के फैसले का विरोध करेंगे. आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेड़कर ने कहा, एनएमसी के मिनटों में उल्लिखित हिप्पोक्रेटिक शपथ को बदलने का निर्णय पूरी तरह से तर्कहीन है. इस तरह के अनावश्यक विवाद या प्रतीकात्मकता पैदा करने के बजाय, एनएमसी को चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, आधुनिक चिकित्सा की गरिमा की रक्षा और युवा चिकित्सकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
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यह है हिप्पोक्रेटिक शपथ
उन्होंने कहा कि एनएमसी में आईएमए सदस्य निश्चित रूप से इसका विरोध करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इन मिनट्स को अधिसूचना में परिवर्तित न किया जाए. गौरतलब है कि सदियों पुरानी हिप्पोक्रेटिक शपथ कहती है, मैं अपोलो फिजिशियन और एस्क्लेपियस तथा हाइजीया एवं पैनेशिया के साथ सभी देवी-देवताओं की शपथ लेता हूं, उन्हें अपना गवाह बनाता हूं कि मैं अपनी क्षमता और निर्णय के अनुसार इस शपथ और प्रतिज्ञा को पूरा करूंगा.
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