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मोदी सरकार का जीएसटी मज़ाक है, सरकार को इसे 2 महीने टालना था: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने जो जीएसटी लागू किया है वो जीएसटी का मज़ाक है।

Updated on: 07 Jul 2017, 12:05 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने जो जीएसटी लागू किया है वो जीएसटी का मज़ाक है। पार्टी ने मांग की है कि बिजली, पेट्रोलियम पदार्थों और रियल इस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिये। साथ ही उसकी दर को कम करके 18 फीसदी की जानी चाहिये।

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि 1 जुलाई से जीएसटी को लागू कर दिया गया, जबकि छोटे और मझोले व्यापारी अभी इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाए हैं। सरकार को इसे दो महीने के लिए टाल देना चाहिये था।

जीएसटी के अंतर्गत इतने टैक्स दरों को रखना एक तरह से 'जीएसटी का मजाक' उड़ाना है।

उन्होंने कहा, 'जीएसटी का लक्ष्य था कि सभी एक अप्रत्क्ष करों को खत्म कर देना लेकिन जो जीएसटी सरकार ने लाया है वो इसे पूरा नहीं करती है।'

चिदंबरम ने कहा, 'हमारी मांग है कि सरकार बिजली, पेट्रोलियम और रियल इस्टेट को जीएसटी के तहत लाए।'

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चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस एक अभियान चलाएगी और लोगों के बीच जाकर 'सच्चे जीएसटी' के बारे में बताएगी। साथ ही जनता को इस बात की भी जानकारी देगी कि अप्रत्यक्ष कर सुधार के इस उपाय की शुरुआत कांग्रेस ने ही की थी।

उन्होंने आशंका जताते हुए कहा, 'जीएसटी के तहत 0.25 फीसदी, 3 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 28 फीसदी और 40 फीसदी दरें रखी गई है और हो सकता है इसमें अभी और स्लैब शामिल किये जाएं, क्योंकि राज्य सरकारों का अपना ही नज़रिया है। ऐसे में हम इसे एक देश एक कर कैसे कह सकते हैं।'

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर वह निश्चित तौर पर इस पर काम करेगी और जीएसटी की सिर्फ तीन दरें होगी, जिसमें अधिकतम दर 18 फीसदी से कम होगी।

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