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टाटा का पलटवार, कहा बोर्ड का भरोसा खो चुके थे ''झूठे'' सायरस मिस्री

टाटा संस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिस्त्री निदेशक मंडल के सदस्यों का विश्वास अपने ऊपर बनाने में नाकाम रहे और सदस्यों के बीच अपना विश्वास खो दिया।

Updated on: 27 Oct 2016, 05:55 PM

नई दिल्ली:

टाटा ग्रुप और रायरस मिस्त्री के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। सायरस के आरोप पर टाटा संस ने सफाई देते हुए काह कि चेयरमैन को काम करने की पूरी आजादी दी गई थी। इससे पहले सायरस ने कहा था कि चेयरमैन रहते हुए मुझे काम करने की आजादी नहीं दी गई थी। टाटा संस ने कहा कि सायरस मिस्री बोर्ड का भरोसा खो चुके थे। टाटा संस ने कहा कि मिस्री टाटा समूह के खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं।

टाटा संस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिस्त्री निदेशक मंडल के सदस्यों का विश्वास अपने ऊपर बनाने में नाकाम रहे और सदस्यों के बीच अपना विश्वास खो दिया। सायरस के आरोप के बाद टाटा ने कहा है कि कंपनी चाहती है कि अच्छे तरीके से काम करे इस कारण चेयरमैन बदलने का फैसला लिया है।

वहीं एयर एशिया इंडिया को लेकर सायरस मिस्त्री के खुलासे के बाद नागर विमानन मंत्रालल ने मामले की निगरानी शुरू कर दी है। एयर एशिया इंडिया टाटा और एयर एशिया का ज्वाइंट वेंचर है। इस आरोप के बाद विमानन मंत्रालय ने कहा है कि उसकी नजर इस डील पर है और अगर कुछ गलत पाया जाता है तो इसे लेकर कार्रवाई की जाएगी।

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मिस्त्री ने अपनी चिट्ठी में टाटा ग्रुप के एविएशन वेंचर को लेकर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि एयर एशिया इंडिया जेवी के दौरान 22 करोड़ रुपये का फर्जी लेन-देन भारत और सिंगापुर की वैसी कंपनियों के साथ हुआ जिसका कोई वजूद ही नहीं है।