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RBI के ब्याज़ दरों में कटौती नहीं करने का फ़ैसला विकास विरोधी: FICCI

पंकज पटेल ने भारत की आर्थिक विकास में रुकावट के लिए RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया) को ज़िम्मेदार ठहराया है।

Updated on: 14 Oct 2017, 08:28 AM

highlights

  • RBI ने ब्याज़ दरों में नहीं की कटौती, उनका फैसला 'उद्योग विरोधी' 
  • RBI का रवैया विकास में रुकावट पैदा करने वाला

नई दिल्ली:

FICCI (फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कामर्स एंड इंडस्ट्री) के अध्यक्ष पंकज पटेल ने भारत की आर्थिक विकास में रुकावट के लिए RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया) को ज़िम्मेदार ठहराया है।

पंकज पटेल ने RBI की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा है कि RBI ने ब्याज़ दरों में कोई कटौती नहीं की। उनका ये फ़ैसला 'उद्योग के अनुकूल' नहीं था और इस वजह से भी भारत के आर्थिक विकास में रुकावट पैदा हुई।

बता दें कि 4 अक्टूबर को RBI ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए देश का विकास दर अनुमान बुधवार को घटाकर योजित सकल मूल्य (जीवीए) को 6.7 प्रतिशत कर दिया।

आरबीआई ने इसके पहले 2017-18 में देश का जीवीए वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत अनुमानित किया था।

पटेल ने वाशिंगटन में भारतीय पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, 'इस तरह के निर्णय से आर्थिक विकास रुकता है। RBI का रवैया ठीक नहीं है और ये विकास विरोधी निर्णय है।'

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उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग को उम्मीद थी कि RBI राहत देते हुए ब्याज़ दर सस्ती करेगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस मामले में RBI का रवैया काफी अड़ियल रहा है।

पटेल ने विकास, मुद्रास्फ़ीती और ब्याज़ दर पर चर्चा करते हुए कहा, 'हमलोग ब्याज़ दरों में कटौती की अपेक्षा कर रहे थे। ब्याज़ दर फिलहाल हमलोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। भारत में आज वास्तविक ब्याज़ दर 6 प्रतिशत तक पहुंच गया है।'

उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विकास, मुद्रास्फ़ीती और ब्याज़ दर के बीच संतुलन होना चाहिए।'

पटेल ने निराशा ज़ाहिर करते हुए कहा, 'अर्थव्यवस्था में तेज़ी बनाए रखने के लिए मुद्रास्फ़ीति आवश्यक है। इसके बिना अर्थव्यवस्था में तेज़ी नहीं आ सकती।'

उन्होंने कहा आप जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाना सरकार के लिए मुश्किल है। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर को ही काम करना होगा। ऐसे में कोई भी योजना तैयार करने से पहले ये सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि वो प्राइवेट सेक्टर के लिए सहयोगी है या नहीं? जो नहीं किया गया, इससे हमलोगों में काफी निराशा है।

बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा के लिये कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल और वित्त मंत्री अरुण जेटली अमेरिका यात्रा के दौरान व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

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