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RBI: नहीं घटेंगी ब्याज दरें! मौद्रिक नीति में बदलाव की गुंजाइश बेहद कम

अमेरिका की फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दर में वृद्धि से संकेत मिलते हैं कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बदलाव या कमी नहीं करने जा रही है। हालांकि इसमें बढ़ोतरी की ज़रुर आशंका जताई जा रही है।

Updated on: 03 Apr 2017, 06:11 PM

नई दिल्ली:

महंगाई बढ़ने और ग्लोबल एक्शन्स के बीच संभव है कि गुरुवार को होने वाली मौद्रिक समीक्षा नीति में रिज़र्व बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव न करे। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बदलाव न करें।

जानकारों के मुताबिक अमेरिका की फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दर में वृद्धि से संकेत मिलते हैं कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बदलाव या कमी नहीं करने जा रही है। हालांकि इसमें बढ़ोतरी की ज़रुर आशंका जताई जा रही है।

कोटक महिंद्रा बैंक के उपाध्यक्ष उदय कोटक ने कहा है कि, ‘मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर को बरकरार रखेगा।’ साथ ही उन्होंने आगे यह भी कहा कि 0.25 प्रतिशत की कमी या बढ़ोतरी उभरती स्थिति पर निर्भर करती है।

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इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर के बैंक के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक संभव है कि रिज़र्व बैंक 6 अप्रैल को नीतिगत दर में कोई बदलाव न करे। इससे पहले, 8 फरवरी को हुई क्रेडिट पॉलिसी रिव्यू में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि वह नीतिगत दर में बदलाव से पहले मुद्रास्फीति की स्थिति और वृद्धि पर नोटबंदी के प्रभाव को लेकर चीजों के साफ होने का इंतजार करेंगे।

इस बीच फरवरी में थोक मुद्रास्फीति 39 महीने के उच्च स्तर 6.55 प्रतिशत रही जबकि खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 3.65 प्रतिशत पहुंच गयी थी। वहीं, खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम बढ़ने से भी महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है।

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