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रिज़र्व बैंक ने कहा, गंदे या फटे हुए नोट लेने से मना नहीं कर सकते बैंंक

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ किया है कि बैंक फेडेड या फिर मुड़े हुए नोटों को लेने से मना नहीं कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि ऐसे नोटों को सॉइल्ड नोट माना जाएगा और इन्हें आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

Updated on: 29 Apr 2017, 10:01 AM

नई दिल्ली:

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ किया है कि बैंक गंदे या फटे और मुड़े हुए नोटों को लेने से मना नहीं कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि ऐसे नोटों को सॉइल्ड नोट माना जाएगा और इन्हें आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के अनुसार बैंकों को लेना होगा।

आरबीआई की ओर से यह इश्यू सभी बैंकों को जारी किया जा चुका है। आरबीआई ने यह सर्कुलर उन शिकायतों के बाद जारी किया है जिनमें नए 500 और 2 हज़ार रुपये के नोटों के रंग उड़ने के बाद या फिर उनके मुड़ने के बाद बैंकों द्वारा नहीं स्वीकर नहीं करने की शिकायतें मिल रही थी।

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इसके अलावा लिखे हुए नोट भी बैंक द्वारा स्वीकार नहीं करने की शिकायतें भी मिल रही थी। सोशल मीडिया पर लिखे नोट न स्वीकारने से जुड़े मैसेज के वायरल होने के बाद बैंक ब्रांच लिखे हुए नोट या रंग उड़े नोट स्वीकार नहीं कर रहे थे।

आरबीआई ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया और अपने दिसंबर 2013 के स्टेटमेंट पर ध्यान दिलाया, जिसे अफवाहों के जवाब में जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि 2017 के बाद से बैंक उन पर लिखित किसी भी चीज़ के साथ नोट स्वीकार नहीं करेंगे।

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आरबीआई ने तब कहा था कि उसने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि नोटों पर लिखे जाने पर दिया गया बयान दरअसल बैंक कर्मचारियों के लिए था जिसमें यह पाया गया था कि बैंक कर्मचारी ही नोटों पर लिखने के आदी होते हैं।

आरबीआई ने माना कि बैंक अधिकारी स्वयं नोटों पर लिखने की आदत में थे, जिसके चलते केंद्रीय बैंक ने क्लीन नोट पॉलिसी की बात कही थी। इसके लिए रिज़र्व बैंक ने आम लोगों, संस्थाओं और अन्य सभी से नोटों को साफ सुधरा रखने में सहयोग की मांग की थी।

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