logo-image

अमेरिकी वीज़ा नियमों पर भड़के उर्जित पटेल, बोले- एप्पल, सिस्को और आईबीएम कंपनियां कहां होतीं अगर अपनाते संरक्षणवाद

अमेरिका समेत विश्व के दूसरे देशों द्वारा अपनाई जा रही संरक्षणवादी नीति पर रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने करारी चोट की है।

Updated on: 25 Apr 2017, 03:13 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका समेत विश्व के दूसरे देशों द्वारा अपनाई जा रही संरक्षणवादी नीति पर रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने करारी चोट की है।

रिज़र्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि अमेरिका की दिग्गज कंपनियां एप्पल, सिस्को और आईबीएम अगर दुनिया से सर्वश्रेष्ठ उत्पाद और प्रतिभाओं को नहीं हायर करतीं तो आज कहां खड़ी होती।

रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने एक लेक्चर के दौरान बोलते हुए यह बात कही है। उन्होंने कहा 'मुझे नहीं लगता है कि हमने यूएस पॉलिसी के अंतिम शब्दों में इस बारे में सुना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक धक्का है, क्योंकि दुनिया को खुले व्यापार प्रणाली से काफी फायदा हुआ है।'

H1-B मामला: अरुण जेटली की अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी विल्बर रॉस से मुलाकात, वीज़ा नियमों पर होगी बात

पटेल ने दुनिया की बड़ी अर्थव्यव्स्थाओं द्वारा संरक्षणवादी कदम उठाए जाने से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में यह टिप्पणी की।

यूएस के कोलंबिया विश्वविद्यालय के इंटरनेश्नल और पब्लिक अफेयर स्कूल में भारतीय आर्थिक नीतियों पर राज केंद्र द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के दौरान रिज़र्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने यह बात रखीं। 

अपनी स्पीच के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा 'अमेरिका समेत दुनिया की सभी बड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमतें आज जहां हैं, वह वैश्विक सप्लाई चेन के कारण ही है।' 

विप्रो ने 'अप्रेजल परफॉर्मेंस' के आधार पर 600 कर्मचारियों को निकाला

उर्जित पटेल ने कहा 'अमेरिका में संरक्षणवाद की मांग इक्विटी और घरेलू वितरण के मुद्दों पर होती है, जबकि अर्थशास्त्र की किताबें बताती है कि यह मुद्दे घरेलू वित्तीय नीतियों द्वारा हल होने चाहिए मसलन टैक्स और आय हस्तांतरण द्वारा।'

उन्होंने बताया कि कारोबार नीतियों में संरक्षणवादी कदम उठा कर एक देश विकास के उलट एक अलग स्थिति पैदा कर सकता है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'यह एक घरेलू नीति मुद्दा होना चाहिए, घरेलू राजकोषीय नीति का उपयोग करना चाहिए अगर इन मुद्दों को संबोधित करना जरूरी है।'

IPL से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें