logo-image

जेटली ने कहा-पीछे छूट गया नोटबंदी और GST का असर, आने वाले दिनों में और मजबूत होगी GDP

मौजूदा वित्त वर्ष (2017-18) की दूसरी तिमाही में जीडीपी में आई उछाल के बाद विपक्ष ने इसे उम्मीद और क्षमता से कम बताते हुए मोदी सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

Updated on: 30 Nov 2017, 10:25 PM

highlights

  • दूसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ें को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने
  • सरकार ने कहा, लद गए अर्थव्यवस्था में गिरावट के दिन
  • विपक्ष ने कहा अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी

नई दिल्ली:

मौजूदा वित्त वर्ष (2017-18) की दूसरी तिमाही में जीडीपी में आई उछाल के बाद विपक्ष ने इसे उम्मीद और क्षमता से कम बताते हुए मोदी सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

वहीं सरकार ने कहा कि दूसरी तिमाही में आए नतीजे यह बताते हैं कि नोटबंदी और जीएसटी का असर अब बीते दिनों की बात हो चुका है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'नोटबंदी और जीएसटी का प्रभाव अब पीछे छूट चुका है, आने वाली तिमाही में हम बेहतर ग्रोथ रेट की तरफ देख रहे हैं।' वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली पांच तिमाही में गिरावट की स्थिति थी और 6.3 फीसदी की ग्रोथ रेट यह बताती है कि गिरावट की स्थिति के दिन लद चुके हैं।

आंकड़ा जारी करते हुए भारत के मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने कहा, 'पहली तिमाही के 5.7 फीसदी के मुकाबले दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रही। करीब पांच तिमाही की गिरावट के बाद जीडीपी रिकवर करने में सफल रही है और यह उत्साहजनक है।'

उन्होंने कहा कि यह आंकड़ों का शुरुआती विश्लेषण है, 'उम्मीद है कि आनेवाली तिमाहियों में हम विकास दर को ऊपर की तरफ ले जाएंगे।'

जेटली ने कहा कि अगर कोई साल 2014 के मई से गणना करे तो कुल 13 तिमाहियों में अर्थव्यवस्था ने आठ बार सात फीसदी का विकास दर हासिल किया है। हम केवल एक बार छह फीसदी से नीचे आए हैं।

हालांकि भारत की ग्रोथ रेट अभी भी चीन से कमजोर बनी हुई है। दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी 6.8 फीसदी रही है।

दूसरी तिमाही में जीडीपी को मैन्युफैक्चरिंग की मजबूती से सहारा मिला है। सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ रेट 7 फीसदी रही जबकि इलेक्ट्रिसिटी, गैस और जल आपूर्ति की ग्रोथ रेट 7.6 फीसदी आंकी गई। वहीं ट्रेड होटल्स, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन की ग्रोथ रेट 9.9 फीसदी रही। 

हालांकि इस दौरान निर्माण क्षेत्र की हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला।

हालांकि पू्र्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इन आंकड़ों को भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता से बेहद कम बताया है।

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में आए जीडीपी के आंकड़े उत्साहजनक है और इसने पिछले पांच तिमाही से आ रही गिरावट को रोकने का काम किया है।

'लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि आगे भी ऐसी ही ग्रोथ रेट जारी रहेगी।'

गौरतलब है कि सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 6.3 फीसदी रही जबकि पहली तिमाही में यह आंकड़ा 5.7 फीसदी रहा था, जो पिछले तीन सालों की सबसे कमजोर ग्रोथ रेट थी।

आंकड़ा जारी करते हुए भारत के मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने कहा, 'पहली तिमाही के 5.7 फीसदी के मुकाबले दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रही। करीब पांच तिमाही की गिरावट के बाद जीडीपी रिकवर करने में सफल रही है और यह उत्साहजनक है।' 

अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, दूसरी तिमाही में 6.3% हुई GDP

चिदंबरम ने कहा, '6.3 फीसदी की ग्रोथ रेट मोदी सरकार के वादे से कहीं कम है और साथ ही यह बेहतर प्रबंधन वाली अर्थव्यवस्था की क्षमता से बेहद कम है।' उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के आधार पर फिलहाल किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।

चिदंबरम ने कहा, 'किसी वाजिब नतीजे पर पहुंचने से पहले हमें कम से कम 3-4 तिमाहियों के लिए इंतजार करना होगा।' वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस तिमाही के सकारात्मक नतीजों में मैन्युफैक्चरिंग की मजबूत ग्रोथ की अहम भूमिका रही है।

राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 96 फीसदी तक पहुंचा