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PNB ने बताया, 11,400 करोड़ रुपये नहीं, करीब 12,700 करोड़ रुपये हो सकती है घोटाले की रकम

पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की जांच के बीच बैंक ने कहा है कि घोटाले में शामिल कुल राशि मौजूदा अनुमान करीब 11,400 करोड़ रुपये से करीब 1,300 करोड़ रुपये अधिक हो सकती है।

Updated on: 27 Feb 2018, 11:34 AM

highlights

  • पीएनबी घोटाले में शामिल कुल राशि मौजूदा अनुमान करीब 11,400 करोड़ रुपये से करीब 1,300 करोड़ रुपये अधिक हो सकती है
  • पीएनबी में हुए इस घोटाले को देश के बैंकिंग सेक्टर में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है

नई दिल्ली:

पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की जांच के बीच बैंक ने कहा है कि घोटाले में शामिल कुल राशि मौजूदा अनुमान करीब 11,400 करोड़ रुपये से करीब 1,300 करोड़ रुपये अधिक हो सकती है।

इस लिहाज से यह घोटाला अब 12,700 करोड़ रुपये का हो जाता है।

पीएनबी में हुए इस घोटाले को देश के बैंकिंग सेक्टर में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है।

14 फरवरी को बैंक ने पिछले कई सालों से चल रही इस धोखाधड़ी को पकड़ा था। पीएनबी मे हुआ यह कथित घोटाला आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और उनके सहयोगियों को फर्जी तरीके से जारी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) से जुड़ा हुआ है।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को देर रात दी गई जानकारी में बैंक ने बताया है कि घोटाले में शामिल राशि पहले के अनुमानित राशि से 1300 करोड़ रुपये अधिक हो सकती है।

स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा गया है, 'हमें यह बताना है कि गैर अधिकृत लेन-देन की राशि में करीब 24 करोड़ डॉलर से अधिक का इजाफा हो सकता है।'

डॉलर के मुकाबले रुपये के मौजूदा भाव के आधार पर यह राशि 1,323 करोड़ रुपये बनती है। बैंक ने इससे पहले बीएसई को दी गई जानकारी में 11,400 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-दने की खबर दी थी।

इस बीच मुंबई की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 11 हजार 400 करोड़ से ज्यादा के घोटाले में आरोपी नीरव मोदी की संपत्ति की जानकारी और उसे सीज करने के लिए 6 देशों को अनुरोध पत्र (एलआर) भेजने की इजाजात दे दी है।

इससे पहले ईडी ने कोर्ट से पीएनबी घोटाले को लेकर (एलआर) जारी करने की मांग की थी। यह इजाजत जांच एजेंसी ने दूसरे देशों में अलग-अलग एजेंसियों के जरिए नीरव मोदी की संपत्ति की पूरी जानकारी पाने के लिए मांगी थी।

जिन 6 देशों के लिए एलआर की मंजूरी मिली है उसमें हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, साउथ अफ्रीका शामिल है। इन देशों में नीरव मोदी की संपत्ति होने का भी दावा किया जा रहा है जिसकी जांच की जाएगी।

गौरतलब है कि यह अनुरोध पत्र (एलआर) एक देश की अदालत की तरफ से दूसरे देश की अदालत को जारी किया जाता है। जस्टिस एमएस आजमी की कोर्ट में ईडी की दलील के सुनने के बाद ये अनुरोध पत्र जारी कर दिया गया है।
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