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कर्नाटक चुनाव खत्म होने के चौथे दिन बाद फिर महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल, बढ़ती कीमतों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

कर्नाटक चुनाव के खत्म होते ही गुरूवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि दर्ज की गई है। तेल कंपनियों ने एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने की घोषणा कर दी है।

Updated on: 17 May 2018, 09:37 AM

नई दिल्ली:

कर्नाटक चुनाव के खत्म होते ही गुरूवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि दर्ज की गई है। तेल कंपनियों ने एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने की घोषणा कर दी है।

कर्नाटक में मतदान खत्म होने के चौथे दिन ही पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है। तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 22-23 पैसे और डीजल के दाम में 22-24 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है।

इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम अब बढ़कर 75.32 रुपए प्रति लीटर हो गया है, दिल्ली में करीब 56 महीने पहले पेट्रोल की कीमतों ने रिकॉर्ड स्तर 76.06 रुपए को छुआ था, यानि मौजूदा दाम रिकॉर्ड तोड़ने से 75 पैसे दूर है। कोलकाता की बात करें तो वहां अब दाम 78.01 रुपए, मुंबई में 83.16 रुपए और चेन्नई में 78.16 रुपए हो गया है।

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डीजल की बात करें तो गुरुवार को दिल्ली में उसका दाम 66.79 रुपए, कोलकाता में 69.33 रुपए, मुंबई में 71.12 रुपए और चेन्नई में 70.49 रुपए प्रति लीटर हो गया है। देश के 3 शहर ऐसे हैं जहां डीजल 72 रुपए प्रति लीटर के ऊपर बिक रहा है, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में इसका दाम 72.60 रुपए, केरल के त्रिवेंद्रम में 72.51 रुपए और छत्तीसगढ़ के रायपुर में 72.12 रुपए प्रति लीटर है।

अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में इजाफा हो रहा है।

बता दें कि दक्षिण एशियाई देशों के बीच भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत सबसे ज्यादा है क्योंकि एक्साइज ड्यूटी और वैट के कारण कीमत इतनी बढ़ी हुई रहती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ रहे दामों से बचाने के लिए इसी साल पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने को कहा था लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी के बजट में इस नकार दिया था।

अगर अभी सरकार पेट्रोल की कीमत को जीएसटी के सबसे ऊंचे दर वाले स्लैब (18 फीसदी) में भी रखती है तो कीमत करीब 50 रुपये लीटर हो जाएगी।

वहीं सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी को बताया है।

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