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संसद ने पारित किया कंपनीज़ एमेंडमेंट बिल, डिफॉल्टर कंपनियों पर लगेगी लगाम

शीतकालीन सत्र में मंगलवार को संसद ने कंपनीज़ (संशोधन) बिल 2017 को पारित कर दिया। इस बिल को लोकसभा ने मॉनसून सत्र में ही मंजूरी दे दी थी।

Updated on: 20 Dec 2017, 07:18 AM

नई दिल्ली:

शीतकालीन सत्र में मंगलवार को संसद ने कंपनीज़ (संशोधन) बिल 2017 को पारित कर दिया। इस बिल को लोकसभा ने मॉनसून सत्र में ही मंजूरी दे दी थी।

इस बिल का उद्देश्य कॉर्पोरेट प्रशासन के मानकों को मजबूत करना, डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना और ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस (व्यवसाय करने में आसानी) को सुधारना है।

यूपीए सरकार में पारित किए गए कंपनीज़ एक्ट 2013, में करीब 40 संशोधन किए गए है।

राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री कार्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि इस संशोधन से बेहतर प्रशासनिक शासन सुनिश्चित होगा और देश में कारोबार करने में आसानी होगी।

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मंत्री ने सदस्यों द्वारा उठाई गई उन आशंकाओं को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही कि कंपनियां कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) नियमों का पालन सही से नहीं कर रही है।

पीपी चौधरी ने कहा, 'सरकार ने कंपनी एक्ट के तहत सीएसआर प्रावधानों का पालन न करने वाली कई कंपनियों को नोटिस जारी किया है।'

कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार की तत्परता पर सवाल किए जाने पर मंत्री ने कहा कि सरकार न ऐसी कंपनियों के खिलाफ कदम उठाए है जिन्होंने पिछले कुछ सालों से कदम नहीं उठाए हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार ने करीब 2 लाख शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है और स्पेशल फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ऐसे मामलों को देख रहा है।

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