logo-image

नोटबंदी का 1 साल: मोदी सरकार ने पेश किए उपलब्धियों के आंकड़ें

पीएओ कार्यालय के ट्विटर हैंडल से किेए गए ट्वीट में सरकार ने नोटबंदी हुए फायदों के आंकड़ें पेश किए हैं।

Updated on: 08 Nov 2017, 12:36 PM

नई दिल्ली:

काले धन के एक साल पूरे होने पर एक ओर विपक्ष जहां मोदी सरकार को घेरने के लिए कमर कस चुका है और देश भर में काला दिवस के तौर पर मना कर इस दिन को याद किया जा रहा हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के 1 साल पूरे होने पर देश की जनता को नमन किया है।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है, 'मैं भ्रष्टाचार और काला धन को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों का समर्थन करने के लिए भारत के लोगों को नमन करता हूं।'
इस मौके पर जहां विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है तो केंद्र सरकार कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी मुहिम के फायदे गिना रही है।

पीएओ कार्यालय के ट्विटर हैंडल से किेए गए ट्वीट में सरकार ने नोटबंदी हुए फायदों के आंकड़ें पेश किए हैं।

मोदी सरकार ने पेश किए नोटबंदी के फायदों के आंकड़ें
मोदी सरकार ने पेश किए नोटबंदी के फायदों के आंकड़ें

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पेश आंकड़ों में 7 मुख्य उपलब्धियों के बारे में बताया गया है। इनमें है- भारत का अबतक सबसे ज़्यादा छुपा हुआ कालाधन सामने आना, नक्सल और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम, भारत की वित्तीय प्रणाली को साफ और बेहतर किया गया, गरीबों को बेहतर नौकरी दिलाने की पृष्ठभूमि बनाना, कर संग्रहण में उछाल, डिजिटल भुगतान में तेज़ी, बहुमुखी फायदे जैसे लोन सस्ता होना, म्युनिसिप्लिटिज़ के राजस्व में बढ़त।

बड़ी मात्रा में छुपा हुआ कालाधन सामने आया
बड़ी मात्रा में छुपा हुआ कालाधन सामने आया

पीएमओ कार्यालय ने ग्राफिक्स के ज़रिए बताया कि 17.73 लाख संदिग्ध खातों की जांच हुई जहां जमा हुई रकम आयकर रिटर्न की जानकारी से मेल नहीं खाती थी।
23.22 लाख बैंक खातों में 3.68 लाख करोड़ रुपये शक के दायरे में है। इसके अलावा बैंक और वित्तीय संस्थानों ने 4.7 लाख अतिरिक्त संदिग्ध लेनदेन की जानकारियों को चिन्हित किया। नोटबंदी के बाद 16,000 करोड़ रुपये बैंक में नहीं आए। 29,213 करोड़ रुपये की अघोषित आय सामने आई। 1626 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति पकड़ी या फिर ज़ब्त की गई।

बड़ी मात्रा में छुपा हुआ कालाधन सामने आया
बड़ी मात्रा में छुपा हुआ कालाधन सामने आया

पीएमओ ने बताया है कि भारत की 0.00011% जनसंख्या ने देश का कुल 33 प्रतिशत पैसा वापस लौटा दिया है। 2017 सितंबर के अंत तक ऊंची संख्या वाले 12 लाख करोड़ नोट दर्ज किए गए बिना नोटबंदी के यह कीमत आज 18 लाख करोड़ रुपये होती।

वित्तीय प्रणाली हुई दुरुस्त
वित्तीय प्रणाली हुई दुरुस्त

पीएमओ ने बताया 2.24 लाख शेल कंपनियां सामने आईं। कई कंपनियों के पास 100 से ज़्यादा खाते थे। एक कंपनी के पास तो 2,134 बैंक खाते सामने आए। एक कंपनी ने जिसके पास कुल 63.60 लाख करोड़ रुपये थे उसने नोटबंदी के दौरान बैंक खाते में 18.23 करोड़ रुपये जमा किए जबकि 18.68 करोड़ रुपये निकाल लिए।

वित्तीय प्रणाली हुई दुरुस्त
वित्तीय प्रणाली हुई दुरुस्त

पीएमओ ने आंकड़ों के ज़रिए बताया कि 35 हज़ार शेल कंपनियों के 58 हज़ार खातों में नोटबंदी के बाद 17 हज़ार करोड़ रुपये जमा किए गए। 8 नंवबर 2016 तक नेगेटिव ओपनिंग बैलेंस खाते वाली वाली एक कंपनी ने खाते में 2,484 करोड़ रुपये नोटबंदी के दौरान जमा किए और निकाले।

गरीबों को बेहतर नौकरी दिलाने की पृष्ठभूमि बनाना
गरीबों को बेहतर नौकरी दिलाने की पृष्ठभूमि बनाना

पीएमओ कार्यालय ने बताया कि नोटबंदी से गरीबों के लिए बेहतर रोजगार सुनिश्चित करने की पृष्ठभूमि बनी। भत्ते संबंधी कानून में संशोधन कर बैंक खातों में सीधा भुगतान शुरू किया गया। 50 लाख नए बैंक खातों में सीधे भुगतान शुरू किया गया। करीब 1 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारी ईपीएफओ में जोड़े गए।

कर अनुपालन में अभूतपूर्व वृद्धि
कर अनुपालन में अभूतपूर्व वृद्धि

आंकड़ों के ज़रिए सरकार ने बताया है कि 2015-16 से साल 2017 तक नए कर दाताओं की संख्या में 26.06 फीसदी का उछाल आया। 2015-16 में कुल 66.53 लाख करदाता थे जो 2017 में बढ़कर 84.21 फीसदी हो गए थे। इसके अलावा 2016-17 में 2.35 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन कर भुगतान किया था जोकि 2017-18 में बढ़कर 3.01 करोड़ हो गए थे। ऑनलाइन कर दाताओं में 27.95 फीसदी का उछाल आया है।

डिजिटल भुगतान में उछाल
डिजिटल भुगतान में उछाल

डिजिटल भुगतान में भी भारी संख्या में उछाल आया है। अगस्त 2016 में 87 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान हुआ था जोकि अगस्त 2017 में बढ़कर 138 करोड़ रुपये हो गया था। आंकड़ों के मुताबिक एक साल में 13 लाख से ज़्यादा पीओएस मशीन जोड़ी गईं।

नोटबंदी के कई फायदे- सस्ते लोन और अफॉर्डेबल हाउसिंग
नोटबंदी के कई फायदे- सस्ते लोन और अफॉर्डेबल हाउसिंग

पीएम मोदी ने कहा, कर्ज सस्ते हुए हैं क्योंकि 100 आधार अंकों की कटौती हुई है। प्रॉपर्टी के दामों में कमी आई है। नोटबंदी के बाद, 2015-16 की तुलना में अर्बन लोकल बॉडीज़ (ULB) के राजस्व में 3 गुना बढ़त हुई है। उत्तर प्रदेश में 4 गुना और मध्य प्रदेश और गुजरात में करीब 5 गुना बढ़त हुई है।