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मोदी कैबिनेट का फैसला, बिना लागत और छंटनी 17 सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों का 5 यूनिट्स में होगा विलय

केंद्र सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में 17 सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों का 5 यूनिट्स में विलय करने का फैसला किया है।

Updated on: 21 Sep 2017, 07:46 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में एक अहम फैसला लिया है प्रिटिंग प्रेसों के विलय का। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सरकार 17 प्रिटिंग प्रेसों का 5 यूनिट्स में विलय करेगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला कार्य की सुगमता और आधुनिकीकरण के चलते किया गया है।

हालांकि सरकार ने साफ किया है कि इससे किसी की नौकरी को नुकसान नहीं होगा और सरकार यह विलय बिना छंटनी बिना लागत के करेगी। वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार की इस योजना से 468 एकड़ भूमि को केंद्रीय पूल में लिए जाने में सक्षमता हासिल होगी।

अरुण जेटली ने कहा कि विलय के बाद प्रिंटिंग प्रेस के अन्य कर्मचारियों की तैनाती सरकार किसी और जगह करेगी।

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इन प्रिंटिंग प्रेस में सरकार केंद्रीय बजट, संसद सत्र के कागजात, सरकार के नीतिगत दस्तावेज, गुप्त व गोपनीय प्रकाशन जैसे परीक्षा पत्र, आयकर फार्म, पोस्टल फार्म, सरकारी विभागों के मंत्रालयों की वार्षिक रिपोर्ट्स की प्रिंटिंग होती है।

यह प्रिंटिंग प्रेस दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, ओडिशा व कर्नाटक में स्थित हैं।

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विलय के बाद 5 यूनिट्स में से तीन दिल्ली में- राष्ट्रपति भवन, मिंटो रोड व मायापुरी में जबकि अन्य दो महाराष्ट्र के नासिक में और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित होंगी।

सरकार ने बयान में कहा, 'इन पांच प्रेसों का पुनर्विकास व आधुनिकीकरण इनकी पर्याप्त भूमि के मुद्रीकरण से किया जाएगा। दूसरे विलय होने वाले प्रेसों की 468.08 एकड़ जमीन लैंड व डेवलेपमेंट कार्यालय को दी जाएगी। गर्वमेंट ऑफ इंडिया बुक प्रेस की चंडीगढ़, भुवनेश्वर व मैसूर में 56.67 एकड़ जमीन संबंधित राज्य सरकारों को वापस की जाएगी।'

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