अर्थव्यवस्था की बिगड़ी चाल, कोर सेक्टर की खराब हालत के बाद दो सालों के निचले स्तर पर पहुंचा IIP
जून महीने में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) ग्रोथ रेट फिसलकर दो साल के निचले स्तर पर चला गया।
highlights
- जून महीने में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) ग्रोथ रेट फिसलकर दो साल के निचले स्तर पर चला गया
- जून महीने में आईआईपी की ग्रोथ रेट कम होकर 0.1 फीसदी हो गई
- आईआईपी के खराब आंकड़ों से देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर चिंता बढ़ा दी है
नई दिल्ली:
जून महीने में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) ग्रोथ रेट फिसलकर दो साल के निचले स्तर पर चला गया।
जून में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर का आउटपुट 9.8 फीसदी से कम होकर 2.1 फीसदी हो गया जबकि माइनिंग सेक्टर का आउटपुट 10.2 फीसदी से कम होकर 0.4 फीसदी हो गया। वहीं जून में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट 7.5 फीसदी से कम होकर -0.4 फीसदी हो गया।
आईआईपी वैसा इंडेक्स होता है, जिसकी मदद से माइनिंग, इलेक्ट्रिसिटी और मैन्युफैक्चरिंग समेत अर्थव्यवस्था के अन्य अहम सेक्टर के ग्रोथ का आकलन किया जाता है।
जून महीने में आईआईपी ग्रोथ रेट 0.1 फीसदी रही जबकि मई महीने में आईआईपी आउटपुर को संशोधित कर 2.8 फीसदी किया गया था। आईआईपी के खराब आंकड़ों से देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि इससे पहले कोर सेक्टर के खराब आंक़ड़ों की वजह से ग्रोथ रेट पर दबाव बना हुआ है। जून महीने में देश के 8 बुनियादी उद्योगों (कोर सेक्टर) की ग्रोथ रेट 0.4 फीसदी रही। जबकि मई में कोर सेक्टर के उत्पादन में 4.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।
पिछले साल जून महीने में 8 बुनियादी सेक्टर का ग्रोथ रेट 7 फीसदी थी। आठ बुनियादी सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रॉडक्ट्स, फर्टिलाइजर, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन शामिल है।
जीएसटी और मांग में कमी से मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट, PMI इंडेक्स 50 से नीचे फिसला
आठ बुनियादी सेक्टर के ग्रोथ रेट से देश की अर्थव्यवस्था की हालत का अंदाजा लगाया जाता है। जून महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट में आई जबरदस्त गिरावट अर्थव्यवस्था की चुनौतीपूर्ण तस्वीर पेश करती है।
गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ रेट कम होकर 6.1 फीसदी हो गई। पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की आखिरी तिमाही में ग्रोथ रेट के कम होकर 6.1 फीसदी होने की वजह से पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की दर कम होकर 7.1 फीसदी हो गई।
पिछले साल जून में इन क्षेत्रों ने 7 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की थी। पिछले साल जून महीने से तुलना की जाए तो इस साल बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में मामूली इजाफा हुआ है। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में इन बुनियादी उद्योगों की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है।
आर्थिक मोर्चे पर बिगड़े हालात, एक साल में 7% से घटकर 0.4% हुई कोर सेक्टर ग्रोथ रेट
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी