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जेपी एसोसिएट्स ने SC से कहा, नहीं है 2,000 करोड़ रुपये, मांगी यमुना एक्सप्रेसवे बेचने की इजाजत

जेपी एसोसिएट्स ने सुप्रीम कोर्ट से यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना को बेचने की इजाज़त मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर को जेपी एसोसिएट्स को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने के निर्देश दिए थे।

Updated on: 13 Oct 2017, 02:48 PM

नई दिल्ली:

जेपी (जयप्रकाश) एसोसिएट्स ने सुप्रीम कोर्ट से यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना को बेचने की इजाज़त मांगी है। 

गौरतलब है कि जेपी इंफ्रा के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया को रोकने के लिए घर खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने पैरेंट कंपनी जेपी एसोसिएट्स को 2,000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था।

कंपनी ने अब इस रकम को जमा कराने के लिए अपने यमुना एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को बेचने की मंजूरी मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर तक यह रकम जमा कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही अदालत ने साफ किया था कि अगर कंपनी इस रकम को चुकाने के लिए अपनी किसी संपत्ति को बेचना चाहती है तो इसके लिए उसे पहले कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 नवंबर की तारीख तय की थी।

निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख़्तियार करते हुए कंपनी को फटकार लगाते हुए साफ कहा था, 'कंपनी चाहे बंगाल की खाड़ी में डूबे या अरब सागर में। निवेशकों के हित सुरक्षित रहने चाहिए।'  

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