भारतीय रिजर्व बैंक के पास निर्णय लेने की हो स्वतंत्रता: आईएमएफ रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत को रिजर्व बैंक बैंक की स्वतंत्रता को मजबूत करने की जरूरत में काम करना चाहिए।
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्णय लेने के मामले में और मजबूत बनने की नसीहत दी है।
आईएमएफ रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई के पास स्वतंत्रता होनी चाहिए फिर चाहे वो बैंक बोर्ड में सरकार द्वारा नियुक्त निदेशकों को हटाने का अधिकार ही क्यों न हो?
आरबीआई ने कहा है कि लोन का वर्गीकरण और नियम वित्तिय घाटे को देखते हुए और विशेष लोन की कैटेगरी को खत्म करने की नियत से बनना चाहिए।
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'इसमें आरबीआई की स्वतंत्रता के साथ साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में इसकी ताकत बढ़ाना भी खास तौर पर जरूरी है। साथ ही वित्तीय नियंत्रक के संसाधनों को बढ़ाना भी।'
आईएमएफ ने कहा है कि भारत सार्वजनिक बैंकों के कर्ज से परेशान है।
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कर्ज देने वाले बड़े संस्थान सुदृढ़ हैं, 'लेकिन तंत्र की अपनी कई बड़ी कमजोरियां हैं।'
इस रिपोर्ट का आकलन आईएमएफ ने अपनी वित्तीय प्रणाली स्थिरता (एफएसएसए) के जरिए किया है।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें