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मल्टी ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे सकती है मोदी सरकार

भारत सरकार रिटेल में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) की निवेश सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है।

Updated on: 15 Jul 2017, 12:13 AM

नई दिल्ली:

भारत सरकार रिटेल में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) की निवेश सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एफडीआई की पॉलिसी को रिव्‍यू किया।

जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी लोकल सुपरमार्केट के मल्टी ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई लागू करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे सकते है। वॉलमार्ट और करफॉर जैसे बड़े रिटेलर्स के लिए शर्त यह होगी कि वे भारत में बने प्रॉडक्ट्स बेचेंगे और कम से कम 100 मिलियन डॉलर (करीब 6 अरब रुपये) का निवेश करेंगे।

इस संबंध में जल्द ही पीएम मोदी वित्त मंत्री के साथ इस संबंध में मीटिंग कर इस प्रस्ताव पर फैसला लेंगे। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर सहमति बन जाने से बीजेपी के वोट बैंक को जबरदस्त झटका लग सकता है।

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हालांकि पीएम मोदी का इस समय जोर नौकरियां पैदा करने पर है। ऐसे में वह ट्रेडर्स को नाराज कर भी यह कदम उठा सकते हैं। एफडीआई को स्वीकृति देने में हर 100 मिलियन डॉलर के निवेश पर 1000 लोगों को रोजगार देने की शर्त भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने मल्टी ब्रैंड रिटेल में विदेशी निवेश पर रोक लगा दी थी। लेकिन जानकारों का कहना है कि अब नियमों में ढील दे कर कुछ शर्तें के साथ निवेश को स्वीकृति दी जा सकती है।

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