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जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, ई-वे बिल और कर चोरी पर रोक के लिए होगी बात

जीएसटी परिषद की ई-वे बिल और कर चोरी के तरीकों को काबू करने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को बैठक है।

Updated on: 16 Dec 2017, 09:10 AM

highlights

  • जीएसटी परिषद की 24वीं बैठक कल 
  • ई-वे बिल और कर चोरी के तरीकों को रोकने पर होगी चर्चा
  • वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी बैठक

नई दिल्ली:

जीएसटी परिषद की ई-वे बिल और कर चोरी के तरीकों को काबू करने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को बैठक है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक बैठक का मकसद सिस्टम में मौजूद गैप को कम करना और जानबूझकर की जा रही कर चोरी रोकने के बारे में विचार करना है।

इस बैठक को इसीलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अक्टूबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ है और कर चोरी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।

यह जीएसटी काउंसिल की 24वीं बैठक होगी। इससे पहले नवंबर में जीएसटी की बैठक गुवाहाटी में हुई थी जहां 178 उत्पादों की कर दर में कटौती की गई थी। 

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इससे पहले एक बैठक में, परिषद ने फैसला किया था कि जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर ई-वे बिल (एक इलेक्ट्रोनिक डॉक्यूमेंट जेनरेटेड बिल) उपलब्ध कराया जाएगा जो कि शुरू में 1 जनवरी से और बाद में राष्ट्रव्यापी रुप से 1 अप्रैल से जारी कर दिया जाएगा।

हालांकि इसे शुरू करने की समयसीमा और बीते महीने (अक्टूबर) हुए राजस्व में कमी की समीक्षा करने की ज़रुरत है। अक्टूबर में जीएसटी के तहत राजस्व 83,346 करोड़ रुपये रहा जो कि 1 जुलाई से लागू किए गए जीएसटी के बाद तीन महीनों में सबसे कम था।

यह सितंबर के जीएसटी के राजस्व आंकड़े (95,131 करोड़ रुपये) से भी कम था। वित्त मंत्री जेटली ने गुरुवार को कहा था कि परिषद ने कर चोरी को रोकने के लिए ई-वे बिल के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

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उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि परिषद ने पहले ही ई-वे बिल के लिे लिए समयसारिणी तैयार कर ली है। जो कि कर एकत्र करने में मदद करेगी।' सूत्रों के अलावा, कल होने वाली बैठक में काउंसिल इन्वायस मैचिंग पर भी विचार कर सकती है।

एक ई-वे बिल 50,000 रुपये से ज़्यादा के सामान के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ज़रुरी होता है। अगर किसी सामान को राज्य की सीमा के अंदर 10 किमी तक के लिए ट्रांसपोर्ट किया जा रहा हो तो व्यापारी को पोर्टल पर जानकारियां देने की ज़रुरत नहीं है।

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