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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में 30 जून की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल से होगा GST का आगाज

30 जून की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लॉन्च किया जाएगा। एक जुलाई से जीएसटी पूरे देश में लागू हो जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'जीएसटी के आधिकारिक लॉन्च में राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यों के मुख्यमंत्री और विपक्षी दलों के नेता मौजूद होंगे।'

Updated on: 20 Jun 2017, 11:16 PM

highlights

  • 30 जून की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लॉन्च किया जाएगा
  • केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी को एक जुलाई से ही लागू किया जाएगा

नई दिल्ली:

30 जून की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लॉन्च किया जाएगा। एक जुलाई से जीएसटी पूरे देश में लागू हो जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'लॉन्चिंग के मौके पर मंच पर राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्र, लोकसभा स्पीकर, और दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं एच डी देवगौड़ा मौजूद होंगे।'

इस दौरान अन्य विपक्षी दलों के नेता और राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद होंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी से देश की जीडीपी पर सकारात्मक असर होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी जैसी व्यवस्था से कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी और साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

जीएसटी काउंसिल नई कर व्यवस्था के लिए दरों को अंतिम रूप दे चुकी है। वहीं पहली समीक्षा बैठक में सरकार 66 वस्तुअों की दरों में कटौती कर चुकी है।

गौरतलब है कि जीएसटी को लागू किए जाने को लेकर बंगाल के वित्त मंत्री और औघोगिक संगठन एसोचैम ने आपत्ति जताते हुए इसे कुछ महीनों तक टाले जाने की मांग की थी।

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हालांकि सरकार ने इन सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि वह तय समय पर ही जीएसटी को लागू करेगी। सरकार ने इसके साथ ही कारोबारियों को रिटर्न फाइलिंग में दो महीने की छूट दी है। जीएसटी देश के सभी करों की जगह लेने जा रहा है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी में मुनाफारोधी प्रावधान एक बचाव की तरह है और जब तक जरूरी नहीं हो इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसी मौके पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र किसानों की कर्ज माफी की किसी योजना पर काम नहीं कर रहा है क्योंकि उसे राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करना है।

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