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GST की नई दरों के MRP स्टीकर लगाने की समयसीमा बढ़ी, सरकार रखेगी कारोबारियों पर नज़र

सरकार ने अनसोल्ड (बिक्री न हो पाए) उत्पादों पर जीएसटी के बाद नए एमआरपी की जानकारी देने के लिए स्टिकर लगाने की समयसीमा बढ़ाकर मार्च 2018 तक कर दी है।

Updated on: 23 Dec 2017, 04:21 PM

नई दिल्ली:

सरकार ने अनसोल्ड (बिक्री न हो पाए) उत्पादों पर जीएसटी के बाद नए एमआरपी की जानकारी देने के लिए स्टिकर लगाने की समयसीमा बढ़ाकर मार्च 2018 तक कर दी है। यह बात कंज्यूमर अफेयर मंत्री रामविलास पासवान ने दी।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 1 जुलाई से लागू है। कंपनियों को सितंबर तक नए एमआरपी स्टिकर लगाने के लिए कहा गया था जिसे बाद में बढ़ाकर दिसंबर कर दिया गया था।

नवंबर मध्य में जब 200 उत्पादों की दरों में बदलाव किया गया तब मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैक्ड कमोडिटीज़) नियम 2011 के तहत अतिरिक्त स्टिकर लगाने के लिए कहा था।

रामविलास पासवान ने संवाददाताओं को बताया, 'जीएसटी के संदर्भ में, हमने कंपनियों को दिसंबर तक अनसोल्ड उत्पादों पर स्टीकर लगाने के लिए कहा था। पिछली जीएसटी काउंसिल की बैठक में 200 उत्पादों की दरों को घटाया गया। इसीलिए हमने दिसंबर की समयसीमा को बढ़ाकर मार्च 2018 कर दिया है।'

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पिछले महीने मंत्रालय ने 'एक अतिरिक्त स्टीकर या स्टैंप या ऑनलाइन प्रिंटिंग घटे एमआरपी की जानकारी देने के लिए खुले उत्पादों पर लगाने के लिए कहा था।'

करीब 178 रोजाना इस्तेमाल वाले उत्पाद ऊपरी स्लैब (28 फीसदी) से घटा कर 18 फीसदी के दायरे में लाए गए हैं, जबकि एक समान 5 फीसदी कर एयर कंडीशन्ड और नॉन एसी सभी रेस्टोरेंट पर लागू कर दिया गया था।

ग्राहकों को जीएसटी दरों का फायदा मिले इसके लिए पासवान ने हाल ही में लीगल मेट्रोलॉजी अधिकारी को यह जांच करने का निर्देश दिया था कि कंपनियां नए एमआरपी स्टीकर्स उत्पादों पर लगा रही है या नहीं।

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