छोटे कारोबारियों को मोदी सरकार का दीवाली गिफ्ट, GST रिटर्न अब हर तीन महीने में, बिना पैन कार्ड खरीदे ज्वैलरी
मोदी सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उनके रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है।
highlights
- मोदी सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उनके रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है
- कंपाउंडिंग स्कीम के तहत 75 लाख रुपये के टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है
- इसके साथ ही रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को अगले साल 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है
नई दिल्ली:
मोदी सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उनके रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है।
जीएसटी (गुड्स एंस सर्विसेज टैक्स) लागू होने के बाद बिजनेस में हो रही परेशानी और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए हर महीने दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की जगह तीन महीने में रिटर्न भरे जाने की मांग को मंजूरी दे दी है।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा शुक्रवार को जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा, 'डेढ़ करोड़ रुपये से नीचे के टर्नओवर वाले कारोबारियों को अब तीन महीने में एक बार रिटर्न फाइल करना होगा।' अभी तक सभी कारोबारियों को हर महीने में रिटर्न भरना होता था।
जीएसटी परिषद की बैठक में तीन अहम फैसलों को मंजूरी दी गई है।
1.छोटे कारोबारियों को अब जीएसटी टैक्स का प्रति माह भुगतान करना होगा लेकिन रिटर्न अब उन्हें तीन महीनों में भरना होगा।
2. कंपोजिशन स्कीम के तहत 75 लाख रुपये के टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे कारोबारी अब 3 महीने पर कुल बिक्री का 1 फीसदी कर जमा कर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
3.रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को अगले साल 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
कंपोजिशन स्कीम में जो लोग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें 1 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग के लिए 2 फीसदी जबकि रेस्टोरेंट कारोबारी को 5 फीसदी टैक्स देना होगा।
कंपाउंडिंग डीलरों को दूसरे राज्यों में माल बेचने का अधिकार और इनपुट सब्सिडी का लाभ देने के लिए 5 सदस्यीय मंत्रिसमूह का गठन किया गया है। वहीं रिवर्स चार्ज की व्यवस्था के तहत करदाताओं को माल खऱीदने पर कर का भुगतान करना पड़ता था।
जीएसटी परिषद के इन सभी फैसलों से छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। इसके साथ ही परिषद में जेम्स एंड ज्वैलरी पर अपने पहले की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इस मामले में विचार-विमर्श के बाद नई अधिसूचना जारी की जाएगी।
इस नई अधिसूचना के बाद अब 50,000 रुपये से अधिक की सोने की खरीदारी पर पैन कार्ड नहीं दिखाना होगा। जीएसटी लागू होने के बाद 50,000 रुपये से अधिक की सोने की खरीदारी पर लोगों को पैन कार्ड दिखाना पड़ता था।
और पढ़ें: ज्वैलरी खरीदने पर नहीं होगी कोई बंदिश, PAN कार्ड दिखाना जरूरी नहीं
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य