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पटाखों के बाद खर्चे में भी फीकी रहेगी दिवाली, नोटबंदी-जीएसटी के चलते 49% लोग कम करेंगे खरीददारी: सर्वे

दिवाली के मौके पर इस बार नोटबंदी और जीएसटी की वजह से बाजार में रौनक देखने को नहीं मिलेगी।

Updated on: 18 Oct 2017, 12:45 PM

नई दिल्ली:

दिवाली के मौके पर इस बार नोटबंदी और जीएसटी की वजह से बाजार में रौनक देखने को नहीं मिलेगी। यह बात एक सर्वे रिपोर्ट में सामने आई है। 

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस दिवाली 49 फीसदी भारतीय पिछले साल की तुलना में कम खर्च करेंगे। जबकि 21 फीसदी लोगों का मानना है कि वो दिवाली पर पिछले साल की तुलना में ज़्यादा खर्च करेंगे। 

इसके अलावा 18 फीसदी लोगों को मानना है कि वो दिवाली वैसे ही मनाएंगे जैसे हर साल मनाते हैं जबकि बाकी लोगों के मुताबिक उन्हें नहीं पता कि वो क्या फैसला करेंगे। 

यह सर्वे शॉर्ट्स और रिसर्च फर्म ने किया है। कंपनी ने यह सर्वे इपसॉस में समाचार एप द्वारा कराया गया है जिसके मुताबिक इस बार की दिवाली पहले की तुलना में फीकी रहेगी और 49 फीसदी भारतीय दिवाली पर कम खर्च करेंगे हालांकि इसमें भी वो सबसे ज़्यादा खर्च कपड़े और मिठाइयों पर खर्च करेंगे। 

इपसॉस इंडिया के सीईओ अमित अदारकर ने कहा, 'ग्राहकों पर जीएसटी और नोटबंदी का असर अभी भी पड़ रहा है। ऐसे में यह दिवाली उत्साहित नहीं है।'

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यह सर्वे 'द पल्स ऑफ द नेशन दीवाली पोल' के नाम से 14 अक्टूबर को ऑनलाइन किया गया था। इसे मशहूर समाचार इनशोर्ट्स मोबाइल एपलिकेशन के जरिए किया गया था। सर्वेक्षण में 39,000 से अधिक भारतीयों ने हिस्सा लिया था।

सर्वे की मानें तो सबसे ज़्यादा खर्च कपड़े और मिठाई पर (38 प्रतिशत) देखने को मिलेगा, गैजेट और गिजमोस पर 13 प्रतिशत, घर सजाने पर 12 प्रतिशत और ऑटोमोबाइल पर 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।

इस सर्वे पर दफ्तर जाने के सवाल पर पूछा गया तो 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो दिवाली पर काम नहीं करना चाहेंगे जबकि 34 प्रतिशत लोगों ने काम के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई वहीं, 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो इस मामले में फिलहाल निश्चित नहीं हैं।

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