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कमजोर रही अर्थव्यवस्था, 2017-18 में 4.2 % रही कोर सेक्टर ग्रोथ रेट

मार्च महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट तीन महीने के निचले स्तर पर फिसल गया। कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस समेत छह सेक्टर में आई कमजोरी की वजह से ग्रोथ रेट में कमी आई और यह 4.1 फीसदी दर्ज किया गया।

Updated on: 01 May 2018, 10:00 PM

highlights

  • मार्च महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट तीन महीने के निचले स्तर पर फिसल गया 
  • 2016-17 के 4.8 फीसदी के मुकाबले 2017-18 में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट 4.1 फीसदी दर्ज की गई

नई दिल्ली:

मार्च महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट तीन महीने के निचले स्तर पर फिसल गया। कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस समेत छह सेक्टर में आई कमजोरी की वजह से ग्रोथ रेट में कमी आई और यह 4.1 फीसदी दर्ज किया गया।

वहीं 2017-18 में समग्र तौर पर कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रही।

इसके साथ ही रिफाइनरी प्रॉडक्ट्स, स्टील और इलेक्ट्रिसिटी के ग्रोथ में भी कमजोर स्थिति देखने को मिली। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक आठों इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स का ग्रोथ रेट 5.2 फीसदी रहा।

इससे पहले दिसंबर 2017 में कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट 3.8 फीसदी दर्ज की गई थी।

समग्र तौर पर देखा जाए तो 2017-18 में आठों कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रही जो कि पिछले तीन वित्त वर्ष में सबसे कमजोर है। पिछले वित्त वर्ष में यह रेट 4.8 फीसदी थी जबकि 2015-16 में यह रेट 3 फीसदी थी।

कोर सेक्टर ग्रोथ रेट का आईआईपी पर सबसे ज्यादा असर होता है क्योंकि इसमें शामिल आठों क्षेत्र कुल उत्पादन में करीब 41 फीसदी की हिस्ससेदारी रखते हैं।

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