एसोचैम ने कहा नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को उबारने वाला बजट पेश हो
एसोसिएटिड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने जारी एक बयान में कहा, 'केंद्रीय बजट के एक फरवरी को पेश होने से सरकार को अपनी पूंजी और अन्य खर्च को अप्रैल से शुरू करने में मदद मिलेगी और आर्थिक विकास की रफ्तार को दोबारा पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।'
नई दिल्ली:
उद्योग मंडल एसोचैम ने रविवार को राजनीतिक दलों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वित्त वर्ष 2017-19 के केंद्रीय बजट को एक फरवरी को संसद में पेश किया जाना चाहिए, ताकि इस दौर में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।
एसोसिएटिड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने जारी एक बयान में कहा, 'केंद्रीय बजट के एक फरवरी को पेश होने से सरकार को अपनी पूंजी और अन्य खर्च को अप्रैल से शुरू करने में मदद मिलेगी और आर्थिक विकास की रफ्तार को दोबारा पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।'
एसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा, 'केंद्र सरकार ने आम बजट को तय समय से पहले पेश करने का फैसला सोच-समझकर किया है।'
रावत ने केंद्र सरकार द्वारा आठ नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे नकदी संकट पैदा हुआ है और देश की आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं। विश्व बैंक ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस वित्त वर्ष के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर के लिए अनुमान घटा दिया था। विश्व बैंक ने जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.6 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया है।
विश्व बैंक की अपनी हालिया ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्टस रिपोर्ट के मुताबिक, 'अप्रत्याशित नोटबंदी के फैसले से वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही की विकास दर पर दबाव बढ़ा है। कमजोर औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण और सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक से वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही पर दबाव पड़ेगा।'
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