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रूस को लुभाने की कोशिश, अरुण जेटली बोले- 'मेक इन इंडिया' में निभा सकता है अहम भूमिका

रक्षामंत्री अरुण जेटली के मुताबिक भारतीय कंपनियों के साथ काम करने का लंबा अनुभव रखनेवाली रूसी कंपनियां 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

Updated on: 22 Jun 2017, 08:46 AM

नई दिल्ली:

रक्षामंत्री अरुण जेटली के मुताबिक भारतीय कंपनियों के साथ काम करने का लंबा अनुभव रखनेवाली रूसी कंपनियां 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

रक्षामंत्री ने यह बात 5वीं अंतर्राष्ट्रीय फोरम के प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम 'टेक्नोप्राम' में सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में बताते वक्त कही।

जेटली ने कहा, 'हमने संयुक्त उद्यमों और भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच प्रौद्योगिकी साझेदारी और संयुक्त उद्यम की सुविधा के लिए नीति और प्रक्रियात्मक परिवर्तन की एक श्रृंखला की शुरुआत की है।'

तकनीकी क्षेत्र में भारत के ख़ास कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'रूसी कंपनियों को पहले से ही भारत में और भारत के साथ काम करने का लंबा अनुभव है, जो इस प्रक्रिया में एक अग्रणी भूमिका निभाता हैं।'

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रक्षामंत्री ने रूसी कंपनियों को भारतीय कंपनियों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रस्तावों के साथ आगे आने और अधिक उन्नत कंपोनेंट और सब-सिस्टम्स के निर्माण के संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए औद्योगिक लाइसेंसिंग काफी उदार है और उत्पादन उपकरणों और परीक्षण उपकरणों के निर्माण के लिए सरकार से किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

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