आइडिया के साथ मर्जर से पहले वोडाफोन ने मनीष दवार को सीएफओ नियुक्त किया
आइडिया सेल्युलर के साथ मर्जर से पहले वोडाफोन इंडिया ने मनीष दवार को चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) नियुक्त किया है। उम्मीद है कि मनीष दवार मर्ज कंपनी में भी अपनी यह भूमिका निभाते रहेंगे।
highlights
- वोडाफोन ने मनीष दवार को सीएफओ नियुक्त किया
- आइडिया के साथ मर्जर से पहले हुई नियुक्ति
- मनीष वोडाफोन इंडिया में CFO बनने वाले पहले भारतीय है
नई दिल्ली:
आइडिया सेल्युलर के साथ मर्जर से पहले वोडाफोन इंडिया ने मनीष दवार को चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) नियुक्त किया है। उम्मीद है कि मनीष दवार मर्ज कंपनी में भी अपनी यह भूमिका निभाते रहेंगे।
आने वाले साल में दोनों कंपनियों का मर्जर संभावित है। मनीष दवार ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी की स्थानीय ईकाई का सीएफओ बनने वाले पहले भारतीय है। वोडाफोन ने देश के टेलीकॉम कारोबार में साल 2007 फरवरी में हॉन्ग-कॉन्ग के हचीसन को खरीद कर एंट्री की थी।
मार्च में हुए समझौते के मुताबिक आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमेन कुमार मंगलम बिड़ला मर्ज कंपनी के चेयरमैन होंगे जबकि सीएफओ वोडाफोन का नामित व्यक्ति होगा। बाकी सभी मुख्य अधिकारी मेरिट के आधार पर नियुक्त किए जाएंगे। दोनों कंपनियों की ओर से होने वाली यह पहली नियुक्ति है।
दवार ने डेन नेटवर्क को छोड़, वोडाफोन 1 जनवरी को ज्वाइन की थी। वहीं, आईडिया में फिलहाल सीईओ अक्षय मुंद्रा है। मनीष दवार के मर्ज कंपनी के सीएफओ बने रहने या न बने रहने पर फिलहाल पुष्टि नहीं हो सकी है।
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भारतीय वोडाफोन ईकाई सुनील सूद संभालते हैं। वोडाफोन के बयान में कहा गया है कि मनीष मुंबई स्थित होंगे और सूद को रिपोर्ट होंगे। हाल ही में, सूद ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि दिसंबर में मर्जर के लिए एनसीएलटी और दूरसंचार विभाग से विनियामक मंजूरी का अंतिम सेट मिल जाएगा।
विलय प्रस्ताव को कॉम्पिटिशन कमीशन (सीसीआई), सेबी (क्योंकि आइडिया लिस्टेड कंपनी है) और अन्य मंजूरियां मिल चुकी है।
कंपनियां नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और डिपार्टमेंट ऑफ दूरसंचार (डीओटी) से मंजूरी का इंतजार कर रही हैं और एनसीएलटी दिसंबर के दूसरे सप्ताह से विलय सौदे की सुनवाई शुरू कर देगी।
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सूद ने कहा, 'विलय के लिए ज्यादातर मंजूरी पहले से ही मिल चुकी है। अब हम एनसीएलटी और डीओटी से अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।' हालांकि उन्होंने कहा कि डीओटी एक तकनीकी बात है और नही समय लगता है।
विलय के बाद, संयुक्त इकाई राजस्व बाजार हिस्सेदारी के साथ-साथ 40 करोड़ के साथ ग्राहकों के साथ सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन जाएगी। संयुक्त इकाई 35 प्रतिशत बाज़ार राजस्व हिस्सेदारी के साथ 23 अरब डॉलर वाली कंपनी होगी।
यह सौदा वोडाफोन इंडिया को 82,800 करोड़ रुपए के निहित उद्यम मूल्य और आइडिया को 72,200 करोड़ रुपए देगा।
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