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'आप' सरकार पर शुंगलू समिति की रिपोर्ट, बीजेपी-कांग्रेस ने केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने गुरुवार को शुंगलू समिति की रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की।

Updated on: 07 Apr 2017, 12:16 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने गुरुवार को शुंगलू समिति की रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की। वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि रिपोर्ट ने केजरीवाल सरकार की पोल खोल दी है।

शुंगलू समिति की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार पर नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।

पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल सरकार को विफल साबित करने की मुहिम के तहत शुंगलू समिति का गठन किया था और 400 से अधिक फाइलें रोककर जांच के लिए इस समिति को सौंप दी थी।

माकन और तिवारी का 'आप' पर हमला 
माकन ने मांग की कि शुंगलू समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की जानी चाहिए। माकन ने संवाददाताओं से कहा, 'यदि केजरीवाल के पास थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।'

माकन ने केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बिना मंजूरी के आप नेताओं के विदेशी दौरे पर जनता के पैसे को बर्बाद करने का आरोप लगाया। माकन ने कहा कि उन्होंने आरटीआई के जरिए रिपोर्ट प्राप्त की है।

माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस समर्थक और कार्यकर्ता शुक्रवार को आप के खिलाफ दिल्ली के सभी 272 वार्डो में प्रदर्शन का आयोजन करेंगे। कार्यकर्ता शुंगलू समिति की रिपोर्ट में उजागर की गई गड़बड़ियों को लोगों तक पहुंचाएंगे।

वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गुरुवार को कहा कि शुंगलू समिति ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पद और जनता के पैसे का दुरुपयोग करने की पोल खोल दी है। 

तिवारी ने एक बयान में कहा, 'शुंगलू समिति की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए जनता के पैसे और सरकारी पद का दुरुपयोग किया।'

'आप' ने आरोपों को किया खारिज
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आशुतोष ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अगर हमारी सरकार ने गलत किया है तो हम लोगों को जेल में डाल दो। आशुतोष में कहा कि जब चुनाव नजदीक आता तब तब बीजेपी ऐसी ओछी हरकत करती है।

वहीं वीके शुंगलू ने राजनीतिक आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मैंने गलत-सही को हाईलाइट नहीं किया है। मैंने सिर्फ फैक्ट्स रिपोर्ट में दिये हैं।

क्या है शुंगलू समिति की रिपोर्ट में
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा बीते साल अगस्त में दिल्ली प्रशासन में उपराज्यपाल को प्रमुखता दिए जाने के बाद तत्कालिक पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने तीन सदस्यीय शुंगलू समिति का गठन किया था। इसके अध्यक्ष पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) वी.के. शुंगलू बनाए गए।

शुंगलू समिति की रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन की दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक परियोजना में मिशन निदेशक के सलाहकार पद पर नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए गए हैं।

समिति ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी के रिश्तेदार निकुंज अग्रवाल के स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी के रूप में नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। समिति ने मंत्रिमंडल के उस फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसमें सरकारी 206, राउस एवेन्यू बंगले को आम आदमी पार्टी के कार्यालय के रूप में आवंटित किया गया।

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